अपराजिता सिस्टम की ताकतवर कड़ी
तेलंगाना का बेहद गरीब जिला है वानापरथी। श्वेता वानपरथी को बतौर जिलाधिकारी यहां भेजा गया। नियुक्ति की सूचना मिलते ही मानसिक तौर पर तैयार थीं, एक गरीब, संसाधनहीन जिले की तमाम सारी समस्याओं का सामना करने के लिए। सबसे बड़ी दिक्कत जो वहां दिखी वह थी एनीमिया, माहवारी सबंधी स्वच्छता और गरीबी। तब से ठान लिया कि जिले को इन समस्याओं से मुक्त करना होगा।
बेटियों को स्वस्थ रखना ही मकसद बन गया
श्वेता बताती हैं कि यदि हम एक स्वस्थ महिला चाहते हैं तो हमें किशोरियों को स्वस्थ रखना होगा, उनमें खून की कमी को दूर करना होगा, पीरियड्स के दौरान स्वच्छता का ध्यान रखना और उससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना होगा। सबसे बड़ी बात महिलाओं को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाना होगा। जिले में शुरू किया गया प्रोजेक्ट 'समथा'(इक्वेलिटी) इसी दिशा में काम कर रहा है। हमारी टीम स्कूल-स्कूल तक जाकर लड़कियों को जागरूक कर रही, उनकी नियमित जांच होती है। लड़कियों को समथा स्टार्टर किट दी जाती है। जिसमें उन्हें स्वास्थ्य, स्वच्छता के प्रति जागरूक करती चीजें होती हैं। हम एनीमिया मुक्त तेलंगाना और भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। साथ ही आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए हमने सेल्फ हेल्प ग्रुप के जरिए उन्हें व्यवसाय से जोड़ा है। इसके अलावा कुछ वॉलेटियर्स की मदद से ग्रामीण स्कूलों के बच्चों को कम्प्यूटर से परिचित कराना, उन्हें मुख्य धारा से जोडऩे की कोशिश जारी है।
'ब्यूरोक्रेसी में पुरुष-महिला अधिकारी होने में भेद नहीं, समानता की कमी सोसाइटी में है, लेकिन प्रशासन की जिम्मेदारी संभालने के बाद हमें समाज से भेदभाव को मिटाने का संकल्प लेना होगा।'
श्वेता मोहंती
कलेक्टर, वानापरथी, तेलांगाना
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.