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ससुराल के खिलाफ अब कहीं से भी मुकदमा दर्ज करा सकती है बहू

Published - Tue 09, Apr 2019

सुप्रीम कोर्ट के आदेश

supreme court judgement on domestic violence

दहेज की खातिर पति और ससुराल वालों की ज्यादती की शिकार महिलाओं को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। ससुराल से निकाली जाने वाली ऐसी महिलाएं अब जहां शरण लिए हुए हैं, उसी क्षेत्र के थाने में मुकदमा दर्ज करवा सकेंगी। पूर्व में महिला के पीहर और ससुराल क्षेत्र के थानों में ही मुकदमा दर्ज कराए जाने की व्यवस्था थी।

हमारे देश में दहेज प्रताड़ना सहित महिलाओं से जुड़े अन्य अपराधों को रोकने के लिए कई कड़े कानून बने हुए हैं। इसके बावजूद कई महिला दहेज प्रताड़ना सहित अन्य आपराधिक वारदातों का शिकार होती रहती हैं। इनमें सबसे अधिक मामले दहेज प्रताड़ना से जुड़े होते हैं, जिनमें से कई तो पुलिस ओर कोर्ट तक भी नहीं पहुंच पाते। ऐसा ही एक मामला उत्तरप्रदेश का है। रूपाली देवी नाम की महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया गया। उसने अपने परिचितों के यहां शरण ली और क्षेत्र के थाने में मुकदमा दर्ज करवाने पहुंची। यहां पुलिस ने उनके क्षेत्र का विवाद नहीं होना बताकर मुकदमा दर्ज नहीं किया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने रूपाली देवी ही नहीं, ऐसी तमाम महिलाओं को राहत पहुंचाई है, जो ससुराल से निकाल देने के बाद पीहर नहीं जाकर कहीं और रह रही हैं। अब वे जिस क्षेत्र में शरण लिए हुए हैं, वहां से भी अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा सकेंगी। पूर्व में महिला के पीहर और ससुराल क्षेत्र के थानों में ही मुकदमा दर्ज किए जाने की व्यवस्था थी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने कहा कि महिला की शिकायत मिलने पर पुलिस को मामला दर्ज करना होगा। कोर्ट ने कहा, वैवाहिक विवाद के मामले में कई बार इस तरह के हालात भी बन जाते हैं, जब महिला को अस्थाई तौर पर किसी के पास शरण लेनी पड़ जाती है। पुलिस अगर इलाके को आधार बनाकर केस दर्ज नहीं करती है तो, इससे पहले से पीड़ित महिला की परेशानी और ज्यादा बढ़ जाएगी।