देखने में बेहद मासूम स्काई जब स्केटबोर्ड पर सवार होती हैं तो मानों उनके पंख लग जाते हैं। अपनी तेजी और स्टंट से वह लोगों को दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर कर देती हैं।
टोक्यो ओलंपिक में इस साल ब्रिटेन की महज 11 साल की स्केटबोर्डर स्काई ब्राउन उतरने जा रही हैं। टोक्यो ओलंपिक में वह भले ही कोई पदक न जीत पाएं लेकिन वह ब्रिटेन के लिए सबसे युवा ओलंपियन होने का रिकॉर्ड तो अपने नाम कर ही लेंगी। देखने में बेहद मासूम जब स्केटबोर्ड पर सवार होती हैं तो मानों उनके पंख लग जाते हैं। अपनी तेजी और स्टंट से वह लोगों को दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर कर देती हैं। उन्होंने सितंबर में साओ पाउलो में हुई विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया था। आपको बता दें कि स्केटबोर्ड को इसी बार ओलंपिक में शामिल किया गया है। अगर ब्रिटेन में सबसे युवा ओलंपियन की बात करें तो यह रिकॉर्ड तैराक मार्गरी हिंटन के नाम है जिन्होंने 1928 एम्स्टर्डम में यह उपलब्धि हासिल की थी। दुनिया में पार्क श्रेणी में स्काई की रैंकिंग तीन है।
हवा में चार से पांच फीट लगा देती हैं छलांग
स्काई ब्राउन जैसी लड़कियों ने अपनी काबिलियत के दम पर दुनिया को यह बताया है कि लड़कियां किसी से कम नहीं है। ब्राउन की काबिलियत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि वह हवा में चार से पांच फीट की छलांग लगा देती हैं। दस फीट की ऊंचाई से गोलाकार बने स्पॉट पर जब वह पर गिरती हैं तो बिजली की गति से बाहर आती हैं। आठ साल का उनका भाई ओसियन स्केटपार्क के बाहर बैठकर बहन का कौशल देखकर खूब तालियां बजाता है। वह कहती हैं कि मैं स्पिन (हवा में घूमना) और किकफ्लिप्स (पैरों का कौशल) ज्यादा पसंद करती हूं। मैं वो सभी कौशल दिखाना चाहती हूं जो लड़के स्केटबोर्ड पर करते हैं। मैं लड़कियों के लिए नई ऊंचाइयों को छूना चाहती हूं।
स्काई ब्राउन कहती हैं कि ये बेहद खास है। मैं ऐसा करना चाहती हूं जिससे लड़कियों को प्रेरित कर सकूं। वो मुझे हिस्सा लेते देखें और इस पर विचार करें कि अगर मैं ऐसा कर सकती हूं तो वह भी कर सकती हैं।
यूट्यूब से लिया प्रशिक्षण
अगर आप सोच रहे हैं कि स्काई ब्राउन ने इसके लिए किसी महान कोच से प्रशिक्षण लिया है तो आप गलत हैं। स्काई ने स्केटबोर्ड की बारीकियां यूट्यूब से सीखी हैं। महज चार साल की उम्र में स्काई ने अपने पिता के स्केटबोर्ड को देखा तो उसकी तरफ आकर्षित हुई और घर के आसपास ही अभ्यास शुरू कर दिया। पिता ने ही उन्हें शुरुआत में कुछ बातें बताई। इसके बात उन्होंने यूट्यूब की मदद से बारीकियां सीखना शुरू कर दिया। इत्तेफाक से तीन बार के ओलंपिक चैंपियन शॉन व्हाइट लास एंजिलिस में उनके घर के पास ही रहते थे। जिसके चलते स्काई को उनसे भी कुछ बारीकियां सीखने का मौका मिला। जिसका भी उन्हें फायदा मिला। इसके आलवा उनके घर के पास में ही स्केट पार्क है, जहां वह रोज प्रैक्टिश किया करती थी। उनके पिता स्टू कहते हैं कि स्केट पार्क में स्काई के अपने सभी दोस्तों के साथ जाती थी। सभी वहां खेलते थे इसलिए शुरू में इसे सीरियस नहीं लिया। लेकिन देखेते ही देखे वह चैंपियन बन गई।
पिता इंग्लैंड के मां जापानी
इस लिटिल चैंपियन की पर्सनल लाइफ की बात करें तो इनके पिता ब्रिटेन से है और माता जापान से। इस लिहाज से उनके पास ब्रिटेन और जापान दोनों की नुमाइंदगी करने का मौका था। हालांकि स्काई के पिता बाद में अमेरिका चले गए थे लेकिन मां मिको जापान में ही पैदा हुई हैं। उनके माता-पिता की मुलाकात जापान में हुई थी। स्काई वहीं पैदा हुई है। शुरुआत में स्काई की पढ़ाई जापानी स्कूल में ही हुई। स्काई काफी अनुशासित हैं और इसकी शिक्षा उन्हें जापान से ही मिली है। अगर जापान के स्कूलों में अनुशासन की बात करें तो वहां छात्रों को खाने के लिए आपकी पसंद का नहीं बल्कि पौष्टिक आहार मिलता है। इसके अलावा आप प्लेट में खाते समय कुछ छोड़ भी नहीं सकते हो। खाने के समय बातचीत करना भी मना होता है। बच्चों को स्कूलों में खुद सफाई करनी पड़ती है।
प्रायोजकों की लगी लाइन : आज स्काई के लिए प्रायोजकों की लाइन लगी है। इसकी एक वजह यह भी है कि वह दो साल पहले एक टीवी रियलिटी शो भी जीतने में सफल रही थीं। उनके माता-पिता स्टू और मिको भी अब सेलेब्रेटी बन चुके हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.