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कोविड राहत के लिए सुबैदा ने बेच दी अपनी बकरियां

Published - Fri 28, May 2021

केरल के कोल्लम की रहने वाली 61 वर्षीय सुबैदा के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो कोविड से लड़ाई में मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दान कर सकें। इसके लिए उन्होंने अपनी छह बकरियां बेचकर दान किया और जरूतमंदों को मदद भी की।

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नई दिल्ली। मदद के लिए उम्र या तजुर्बा नहीं हौसला चाहिए। फिर चाहे समय कोई भी हो। कुछ ऐसा ही हौसला केरल के कोल्लम की रहने वाली वृद्धा सुबैदा ने भी दिखाया। कोरोना की इस लड़ाई में सरकार को देने के लिए उनके पास कुछ नहीं था, तो उन्होंने अपनी बकरियां बेचकर मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया, बल्कि कोरोना की मार से जूझ रहे गरीब और असहाय लोगों की भी मदद की।
केरल के कोल्लम की रहने वाली 61 वर्षीय सुबैदा ने सीएमडीआरएफ (मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष) में दान देकर सुर्खियां बटोरी हैं। उसने अपने राज्य के टीकों के लिए क्राउडफंडिंग में मदद करने के लिए अपनी बकरियां बेचीं। साथ ही गरीब व असहाय लोगों को जरूरत की चीजें भी दान कीं। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली सुबैदा पशुपालन से अपने तीन सदस्यीय परिवार का गुजारा करती हैं। वह केरल के कोचुपिलमूडु में कोल्लम पोर्ट ऑफिस के पास अपने घर के बगल में स्थित एक चाय की दुकान चलाती हैं। हालांकि कुछ अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए, सुबैदा बकरियां भी पाल रही हैं। जब देश महामारी की चपेट में आया, तो उसने अपनी 20 बकरियों में से दो को बेच दिया और पैसे सीएमडीआरएफ को दान कर दिए। इस साल सुबैदा ने और चार बकरियां बेचीं और सोशल मीडिया पर केरलवासियों द्वारा शुरू किए गए क्राउडफंडिंग 'वैक्सीन चैलेंज' के हिस्से के रूप में न केवल सीएमडीआरएफ को दान दिया, बल्कि चावल और अन्य आवश्यक उत्पाद भी खरीदे और उन्हें गरीबों में वितरित किया। उनके असाधारण योगदान के लिए, सुबैदा को केरल के नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया गया था। सुबैदा उन प्रेरणादायक महिलाओं में से हैं, जिनसे हमें सीख लेनी चाहिए कि मुसीबत के समय में हस समाज के कैसे काम आ सकते हैं।