Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

देश की पहली महिला फ्लाइंग यूनिट कमांडर बनीं एस धामी, बढ़ाया देश का मान

Published - Wed 28, Aug 2019

भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर एस धामी को फ्लाइंग यूनिट की फ्लाइट कमांडर बनाया गया है। यानी वे देश भर के सैन्य हेलीकाप्‍टरों की कमान संभालेंगी। इस कामयाबी के साथ ही वह देश की पहली महिला सैन्य अधिकारी बन गईं हैं, जिन्हें यह गौरव प्राप्त हुआ है।

नई दिल्ली। देश की बेटियां हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं।  वे पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर देश और समाज के उत्थान में अपना योगदान दे रही हैं। अब तक पुलिस और फौज में पुरुषों का ही वर्चस्व माना जाता रहा है, लेकिन अब इस क्षेत्र में भी बेटियां पूरे दमखम से अपनी मौजूदगी दर्ज करा रही हैं। कुछ ऐसा ही किया है  भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर एस धामी ने।  धामी को फ्लाइंग यूनिट की फ्लाइट कमांडर बनाया गया है। यानी वे देश भर के सैन्य हेलीकाप्‍टरों की कमान संभालेंगी। इस कामयाबी के साथ ही वह देश की पहली महिला सैन्य अधिकारी बन गईं हैं, जिन्हें यह गौरव प्राप्त हुआ है। उन्होंने गाजियाबाद स्थिति हिंडन वायुसैनिक अड्डे में चेतक हेलीकॉप्टर के फ्लाइट कमांडर का प्रभार भी ग्रहण कर लिया है। धामी वायुसेना में फ्लाइंग ब्रांच की स्थायी कमीशन अधिकारी हैं और हेलीकॉप्टर उड़ाती हैं। फ्लाइट कमांडर यूनिट की यह दूसरी पोस्ट होती है। इसका अर्थ यह है कि धामी कमांडिंग अधिकारी के बाद यूनिट में दूसरे नंबर पर हैं। फ्लाइंग ब्रांच में उनकी पदोन्नति महिला अधिकारियों के कमांडिंग यूनिट की दिशा में एक कदम है।

स्कूल के दिनों से ही बनना चाहती थीं पायलट
पंजाब के लुधियाना श्हर में पली-बढ़ीं  एस धामी हाई स्कूल के दिनों से ही पायलट बनना चाहती थीं। करियर में ऊंचाइयां छू रहीं धामी 9 साल के बच्चे की मां हैं। 15 साल के अपने करियर में एस धामी ने चेतक और चीता हेलीकॉप्टर उड़ाती रही हैं। धामी चेतक और चीता हेलीकॉप्टरों के लिए भारतीय वायुसेना की पहली महिला फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर भी हैं।

रक्षा मंत्रालय महिला सशक्तिकरण पर कर रहा फोकस
भारतीय रक्षा मंत्रालय  सेना में महिलाओं की उपस्थिति बढ़ाने और महिला सशक्तिकरण की मंशा से  इसी साल जनवरी में कॉर्प्स ऑफ मिलिट्री पुलिस  में जवानों के रूप में महिलाओं को शामिल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था।  इसे बारे में मंत्रालय ने  ट्वीट कर कहा था, 'हमारे सशस्त्र बलों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बेहतर बनाने के लिए  महिलाओं को सैन्य पुलिस में श्रेणीबद्ध तरीके से शामिल किया जाएगा।

इन्होंने भी बढ़ाया आधी आबादी का मान
लेफ्टिनेंट जनरल पुनीता अरोड़ा : लेफ्टिनेंट जनरल पुनीता अरोड़ा भारतीय सेना की दूसरी सबसे बड़ी रैंक पर पहुंचने वाली भारत की पहली महिला हैं। उन्हें 1968 में सेना में कमीशन किया गया था। 2004 में वह सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज की कमांडेंट बनीं। लेफ्टिनेंट जनरल अरोड़ा ने सशस्त्र बलों के अतिरिक्त चिकित्सा अनुसंधान में भी काम संभाला है।

फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनि चतुर्वेदी : अवनि मध्य प्रदेश के रीवा जिले से हैं। वह अपने दो साथियों, मोहना सिंह और भावना कंठ के साथ पहली लड़ाकू पायलट  बनने का गौरव हासिल कर  चुकी हैं।  जून 2016 में तीनों को भारतीय वायु सेना के लड़ाकू दस्ते में शामिल किया गया था।

लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी : लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी भारतीय सेना की पहली ऐसी महिला अधिकारी बनीं जिन्होंने 144 पुरुषों की एक टुकड़ी का नेतृत्व किया।

लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी : भारतीय नौसेना के एक दल जिसके चालक दल में 6 महिला अधिकारी भी शामिल थीं ने 10 सितंबर 2017 से शुरू एक मिशन के तहत 194 दिन समुद्र मे बिताए थे। मिशन के सभी सैनिकों को 72 वें स्वतंत्रता दिवस पर नवसेना पदक से भी सम्मानित किया गया था। जहाज का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने किया था।