उत्तराखंड के टिहरी की रहने वाली एश्वर्या के डिजाइन किए हुए कपड़ों की विदेशों में भी डिमांड है। उनके सपने बड़े थे, जिसे उन्होंने पूरा कर दिखाया।
देहरादून। शहर छोटा या बड़ा हो इससे फर्क नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है कि आपके सपने कितने बड़े हैं। उन सपनों को पूरा करने के लिए आप कितना प्रयास करते हैं और कितनी बार गिरकर संभलते हैं। ऐसा ही एक सपना उत्तराखंड के टिहरी की एश्वर्या बेलवाल ने भी देखा था। एश्वर्या ने ऋषिकेश में पढ़ाई की और उसके बाद फैशन इंडस्ट्री में कुछ कर गुजरने का प्रयास करने लगीं। शुरुआत में हर ओर से निराशा ही मिली, लेकिन एश्वर्या ने हार नहीं मानी। 2015 में उन्होंने अपना फैशन ब्रांड अग्निपद्म शुरू किया। उसको प्रमोट करने के लिए वो सोशल मीडिया के सहारे आगे बढ़ने लगीं। उनकी कोशिश रंग लाई और उनके कपड़े विदेशों में भी पंसद किए जा रहे हैं। एश्वर्या ने अपने बुटीक का प्रमोशन करने के लिए ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक का सहारा लिया और फिल्म इंडस्ट्री से लेकर फैशन जगत तक के लोगों तक अपने प्रोडक्ट पहुंचाने की कोशिश करने लगीं। धीरे-धीरे उनके प्रोडक्ट पसंद किए जाने लगे और ऑर्डर भी मिलने लगी। पहचान बनी तो आगे बढ़ने लगीं और रणविजय सिंह, प्रिंस नरुला,वरुण सूद जैसे सेलिब्रिटी के साथ उन्होंने कई फैशन शो किए। कई रिएलटी शो में उन्होंने ऑफ स्क्रीन काम किया। अपने काम से पहचान पा चुकीं एश्वर्या को साल 2018 में मिस्टर एंड मिस एलीट एशिया के पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। उनके यहां बनीं ड्रेसेज केवल इंडिया में ही नहीं नीदरलैंड, कनाडा, अमेरिका और जर्मनी में भी पसंद की जा रही हैं।
विदेशों में जाते हैं प्रोडक्ट
एश्वर्या के डिजाइन किए हुए कपड़ों की खूब डिमांड भी है। इस काम में उनकी मां शकुंतला बेलवाल उनकी मदद करती हैं, जो करीब 35 सालों से डिजाइनिंग फील्ड में काम कर रही हैं। अग्मिपद्म में एथनिक वियर के साथ ही कई लेटेस्ट आउटफिट्स का कलेक्शन है। इंटीरियर होम फ्रेगरेंस प्रोडक्ट भी यहां मिल जाएंगे। ऐश्वर्या अपनी मेहनत से तीर्थनगरी की नई पहचान गढ़ने में जुटी हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.