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सुनीता ने गालियां खाई पर वेश्यावृत्ति से बच्चियों और महिलाओं को बचाया 

Published - Tue 22, Oct 2019

सुनीता के द्वारा किए गए सामाजिक कार्य खासकर महिलाओं के लिए किए गए कार्यों का वर्णन खुद अमिताभ बच्चन नहीं कर सके और सुनीता से खुद करने को कहा। 

sunita krishnan

सुनीता कृष्णन एक समाजिक कार्यकर्ता हैं और अब तक 22 हाजर से ज्याद बच्चियों और महिलाओं को वेश्यावृत्ति के दलदल से बचा चुकी हैं। हाल ही में वह केबीसी के कर्मवीर एपिसोड में अमिताभ बच्चन के सामने बैठी थीं। इस दौरान उन्होंने दुनिया के सामने अपनी आपबीति और संघर्ष की दास्तां बताई, जो इतनी भयावह है कि जिसे सुनकर अमिताभ बच्चन भी हैरान रह गए। 
सुनीता के द्वारा किए गए सामाजिक कार्य खासकर महिलाओं के लिए किए गए कार्यों का वर्णन खुद अमिताभ बच्चन नहीं कर सके और सुनीता से खुद करने को कहा। 
सुनीता जो बातें बताती हैं वह वाकई बेचैन करने वाली हैं। वह कहती हैं, हमारे देश में बहुत ही कम लोग हैं जो रिपोर्ट करते हैं। सरकारी आंकाड़ों के मुताबिक, करीब 30 लाख महिलाएं और बच्चे बिक चुके हैं। सबसे छोटी बच्ची जिसे मैंने (सुनीता) बचाया है वह साढ़े तीन साल की है और वह भी वैश्यालय में वैश्यावृति करते हुए। वह आगे कहती हैं, आजकल मैं एक और मुहिम में हूं, जहां बलात्कार के वीडियोज व्हाट्सअप और सोशल मीडिया के जरिए वायरल किए जा रहे हैं। जिन-जिन वीडियोज को मैंने देखा है, वहां एक 9 साल की बच्ची का भी वीडियो है। सुनीता की यह बातें समाज के उस दूसरे चेहरे को सामने लाती है जिसे ऐसा करने वाले लोग छुपा कर समाज में बड़े इज्जत के साथ जीने का दावा करते हैं। 
केबीसी की हॉट सीट पर बैठी कृष्णन ने बताया कि महज 15 साल की उम्र में 8 दरिंदों ने उनका बलात्कार किया था। छोटी सी उम्र में हुए इस हादसे ने उन्हें पूरी तरह तोड़ दिया था, जिसके बाद उनके पास सिर्फ 2 रास्ते बचे थे। पहला या तो वो जिंदगीभर इसके बारे में सोच कर परेशान होतीं। दूसरा, हालातों का सामना करतीं। काफी सोचने के बाद समाजसेविका ने दूसरा रास्ता चुना और हालातों का हिम्मत के साथ सामना किया। इसके साथ ही वेश्यावृत्ति के दलदल में फंसी महिलाओं को बचाने का निर्णय लिया।
सुनीता बताती हैं कि जब उन्होंने महिलाओं के लिए काम करने की ठानी तो उनसे न जाने कितनी बार कहा गया कि जब तक धरती पर इंसान हैं, वेश्यावृत्ति होती रहेगी। लेकिन कृष्णन का जवाब होता था जब तक जिंदगी है, तब तक वो उन इस खौफनाक मंजर से गुजरने वाली लड़कियों और महिलाओं के लिये लड़ती रहेंगी।
सुनीता कहती हैं कि जब भी वो किसी महिला को बचाने के लिये गई हैं, उन्हें तालियां नहीं, बल्कि गालियां ही मिली हैं। पर उन्हें ऐसा करके खुद पर गर्व महसूस होता है। 22 हजार से ज्यादा बच्चियों और महिलाओं को यौन तस्करी से मुक्त कराने वाली कृष्णन को उनके साहसिक कार्यों के लिये पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। 
कौन हैं सुनीता कृष्णन
सुनीता कृष्णन एक समाज सेविका हैं, जिनका जन्म 1972 में हुआ था। सुनीता को बचपन से ही समाज सेवा करना पसंद था। बचपन से ही वो उनके घर के पास स्थित गरीब बच्चों की मदद करती थी। महज 12 वर्ष की उम्र में सुनीता ने झुग्गियों में रहने वाले बच्चों के लिए स्कूल चलाना शुरू कर दिया था। हाल फिलहाल में वो एनजीओ प्रज्जवला की मुख्य अधिकारी और सह-संस्थापक भी हैं। वो यौन तस्करी की शिकार महिलाओं-लड़कियों के बचाव और उनके पुनर्वास के लिए काम करती हैं। 
17 बार हो चुका है जानलेवा हमला
केबीसी के प्रोमो में सुनीता बताती नजर आ रही हैं कि उनपर 17 बार जानलेवा हमला हो चुका है। सुनीता कहती हैं- 'जब तक मेरी सांस है..तब तक दूसरी लड़कियां जो इस तरह से पीड़ित वेश्यालयों में हैं, उनके लिए मैं अपनी जिंदगी को कमिट करूंगी।' सुनीता आगे बताती हैं कि उन पर ऑटो रिक्शा में हमला हो चुका है, एसिड फेंका जा चुका है, जहर खिलाने की भी कोशिश की गई है, लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और हर बार बाल बाल बची हैं।
सुनीता को मिले हैं कई सम्मान
गौरतलब है कि सुनीता को साल 2016 में देश के सर्वोच्च चौथे सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। इसके साथ ही सुनीत को मदर टेरेसा अवॉर्ड भी मिल चुक है। इसके साथ ही सुनीता का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है।