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पिता के सपनों को पूरा कर आंचल ने छू लिया आसमान

Published - Tue 14, Jul 2020

आंचल अग्रवाल के पिता चाय की दुकान चलाते हैं। उनका सपना था कि उनकी बिटिया कुछ बड़ा करे और पिता के सपनों को पूरा करते हुए आंचल ने पायलट बनकर दिखा दिया कि मेहनत से सबकुछ हासिल हो सकता है।

anchal aggarwal

नई दिल्ली। कौन कहता है आसमां में छेद नहीं हो सकता। एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो। इस कहावत को मध्य प्रदेश की आंचल ने सौ फीसदी सच कर दिखाया है। आंचल ने पायलट बनकर इंडियन एयरफोर्स में फ्लाइंग अफसर ज्वॉइन किया है। आंचल के पिता ने उनको पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और आंचल ने पिता की मेहनत को सिर आंखों पर रखा और सफल होकर उनका मान बढ़ाया।

पिता का है टी स्टॉल
आंचल के पिता ने कभी बेटे और बेटी में फर्क नहीं किया। हमेशा सभी को बराबर समझा और पूरा साथ दिया उनके पिता सुरेश गंगवाल चाहते थे कि बेटी कुछ बड़ा करे। जब आंचल पढ़ रहीं थीं, तभी उन्होंने सोच लिया था कि डिफेंस में जाना है और वो इसी की तैयारियों में जुट गईं। 2013 में जब उत्तराखंड आपदा आई थी, तो एयरफोर्स का जज्बा देखकर उन्होंने उनहोंने ठान लिया कि एयरफोर्स ही ज्वॉइन करना है। हैदराबाद में जब दीक्षांत समारोह में बेटी को अफसर का तमगा मिला, तो पिता की आंखों से आंसू छलक उठे। बेटी की सफलता पर पिता फूले नही समा रहे हैं।

सपनों को पूरा करने के लिए दो सरकारी नौकरी छोड़ीं
आंचल का वायुसेना ज्वॉइन करना इतना बड़ा सपना था कि इसे पूरा करने के लिए वो दो सरकारी नौकरी छोड़ चुकी हैं। बोर्ड परीक्षा में 92 फीसदी अंक पाने वाली आंचल क्षेत्र की शान बन चुकी हैं।

छलक पड़े पिता के आंसू
हैदराबाद में आयोजित दीक्षांत समारोह में आंचल को उनकी कामयाबी के लिये सम्मानित किया गया. हांलाकि, इस ख़ास पल में उनके पिता वहां मौजूद नहीं थे और जब उन्होंने पर आंचल को सम्मानित होते देखा, तो उनके आंसू छलक गए।