बाजीराव मस्तानी, रामलीला जैसी लोकप्रिय फिल्मों के लिए कपड़े डिजाइन करने वाली डिजाइनर अंजू मोदी को बेस्ट कॉस्टयूम के लिए फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिल चुका है। अंजू जब भी फैशन की दुनिया में अपना डिजाइन लाती हैं, छा जाती हैं।
नई दिल्ली। फेस्टिवल सीजन हो या शादी-पार्टी हर कोई चाहता है कि वो कुछ ऐसी ड्रेस ट्राई करे कि उसे पहनते ही सबसे नजरें उस पर टिक जाए। इसके लिए बाजार में वो ऐसी ड्रेस खोजते हैं कि बस पहनें और छा जाएं। एकदम से भा जाने वाली ड्रेस का नाम लिया जाए और अंजू मोदी का नाम सामने न आए, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। अंजू बॉलीवुड की दुनिया में एक जाना पहचाना नाम है। नामी इंडियन ड्रेस डिजाइनर अंजू कई फिल्मों के लिए भी ड्रेस डिजाइन कर चुकी हैं। वर्ष 1990 से वह भारतीय फैशन उद्योग का हिस्सा हैं। अंजू कहती हैं कि फैशन की दुनिया में कंफर्ट लेवल और पर्सनेलिटी के हिसाब से अगर आप काम करेंगे, और ट्रेंड को फॉलो करेंगे, तो परफेक्शन फैशन कलेक्शन बनाते रहेंगे।
बिना सीखे ही बढ़ती गईं अंजू
अंजू को बचपन में पेटिंग, स्केचिंग का शौक था। शिक्षा के साथ-साथ शौक आगे बढ़ता रहा। जब वो 27 की उम्र में पहुंची, तो सोचा कि कमाई को बढ़ाना चाहिए। फिर खुद से ही पूछा कि उन्हें क्या आता है और वो क्या कर सकती हैं। उन्होंने अपने तरीके से कपड़ों की डिजाइनिंग शुरू की। हालांकि उस दौरान फैशन इंस्टीट्यूट नहीं होते थे, तो जो कला उन्हें आती थी, उसके दम पर ही डिजाइनिंग पर काम जारी रखा। अनारकली कपड़े बनाए और रिसर्च कर उनमें बदलाव किया। उनका काम लोगों को पसंद आता गया और उनका सफर बढ़ता गया। उनकी डिजाइनिंग की तारीफ दूर-दूर तक होती थी, तो संजय लीला भंसाली ने उनसे संपर्क किया। उस दौरान वो क्राफ्ट्स में गावों में काम किया करती थी। भंसाली भी ऐसे डिजाइनर की तलाश में थे, जो हमारे देश के क्राफ्ट को समझे। मुलाकात हुई तो अंजू के काम को तारीफ मिली। रामलीला, बाजीराव मस्तानी के लिए ड्रेस डिजाइन करने के लिए कहा। उन्होंने काफी रिसर्च कर इन्हें डिजाइन किया, जिसे खूब पसंद किया गया। भारतीय लोगों के लिए ड्रेस को लेकर अंजू कहती हैं कि हम भारतीयों पर मसालों का कलर खूब खिलता है। जैसे मिर्च वाला लाल रंग ,मेहंदी वाला हरा रंग। ये सब भारतीय महिलाओं पर खिल कर आता है। ये सारे रंग प्रकृति से प्रभावित हैं।
कल्चरल फ्यूजन का है जमाना
अंजू कहती हैं कि आज का समय किसी एक खास फैशन का नहीं है। सारी संस्कृति एक दूसरे में घुल-मिल गई है, तो वेस्टर्न-इंडियन कल्चरल फ्यूजन हो गया है। वैसे भी हमारा देश कलरफुल है। यहां के लोगों को कलरफुल कपड़े ही पसंद आते हैं। अंजू कहती हैं कि उन्हें प्रकृति से प्रेरणा मिलती है। उन्होंने सीकिंग पैराडाइज नाम का कलेक्शन लांच किया जिस में कश्मीरी पहनावे को आधार बनाया। अंजू कहती हैं कि वो हमेशा नए डिजाइन ट्राई करती हैं। जरुरत और ट्रेंडस का भी ध्यान रखती हैं। हर कोई फेस्टिवल्स ,बर्थडे पार्टीज, न्यू ईयर पार्टीज और वेडिंगस आदि में कुछ नया और फैशनेबल चाहता है। इसलिए इसी हिसाब से कपड़े डिजाइन करने पर उनका जोर रहता है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.