प्रशिक्षु आईएएस विशाल मिश्रा बोले, असफलता से घबराने की जरूरत नहीं, महिला थानाध्यक्ष श्वेता नेगी ने साइबर क्राइम के बारे में दी जानकारी
अल्मोड़ा। अमर उजाला अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत जीआईसीटी संस्थान में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रशिक्षु आईएएस विशाल मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को जीवन में सफलता के लिए कई उपयोगी टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि असफलता से घबराने की जरूरत नहीं है और अपनी कमियों का पता लगाकर उसमें निरंतर सुधार करते हुए हम जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
विशाल मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि एमटेक करने के बाद उन्होंने आईएएस बनने की ठानी और तैयारी शुरू की पर वह दो बार मुख्य परीक्षा में सफल होने के बावजूद इंटरव्यू में रह गए। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और तीसरे प्रयास में आईएएस में सफलता हासिल की। उन्होंने कहा कि मेहनत और लगन के साथ ही धैर्य से कुछ भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से अमर उजाला अपराजिता कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बताया। इस मौके पर महिला थानाध्यक्ष श्वेता नेगी ने छात्र-छात्राओं को साइबर अपराधों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने खास तौर पर छात्राओं से अपनी फोटो आदि को फेस बुक में शेयर करने से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कई बार असामाजिक तत्व फर्जी आईडी बनाकर ब्लैक मेल करते हैं। कार्यक्रम का संचालन कनिष्का रौतेला ने किया। इससे पहले संस्थान की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संस्थान के सीईओ विकास सिंह ने अतिथियों का आभार जताया। कार्यक्रम में पत्रकार सुरेश तिवारी, जीआईसीटी संस्थान के ज्ञान प्रकाश, प्रदीप बिष्ट आदि मौजूद थे। इस मौके पर 85 छात्र-छात्राओं ने संकल्प पत्र भरे।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.