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अधिकारों के प्रति जागरूक रहकर ही बना जा सकता है अपराजिता

Published - Fri 19, Jul 2019

अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत एसएम पब्लिक स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन

100 million smile

सितारगंज। अपराजिता 100 मिलियन स्माइल्स के तहत बृहस्पतिवार को एसएम पब्लिक स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रधानाचार्य एमसी तिवारी ने 10 शिक्षक-शिक्षिकाओं समेत 212 छात्राओं का शपथ दिलाई और संकल्प पत्र भरवाए। कार्यक्रम में 11वीं के बच्चों ने प्रभारी निरीक्षक से बेबाकी से सवाल भी पूछे, जिनका प्रभारी निरीक्षक ने जवाब दिया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक संजय सिंह गर्ब्याल ने कहा कि नारी का सम्मान जरूरी है। महिलाएं अपने कानूनी अधिकारों के प्रति सजग हों और स्वच्छ व स्वस्थ समाज के लिए कार्य करें, तभी अपराजिता बना जा सकता है। सोशल मीडिया पर मोबाइल के दुरुपयोग से बचें। उन्होंने सड़क सुरक्षा के लिए दोपहिया वाहन चालकों से हेलमेट पहनने की अपील की। प्रभारी निरीक्षक ने कहा कि देश में बच्चियों के साथ बढ़ रही घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कानून बना दिया है। किसी भी तरह की घटना पर केस दर्ज करने के बाद तीन महीने के भीतर विवेचना की जाती है। विवेचना के बाद एक महीने के भीतर ट्रायल कर सजा देना होता है। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने ‘ओ री चिरइया, नन्ही सी चिड़िया...’ गीत को प्रोजेक्टर के जरिये दिखाकर बालिकाओं के सम्मान और अधिकारों की जानकारी दी गई। दसवीं की छात्रा कुमकुम पंत ने महिला जागरूकता पर अपने विचार रखे।
कुमाऊं सेवा समिति के शेखावत ने चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 व बालिकाओं की सहभातिगता और उनके अधिकारों की जानकारी दी। वहां बुसरा खान, संगीता अरोरा, रोजी मक्कर, आरती विश्वास, पूजा जैन, रश्मि चौहान, सीता जोशी, अलवीना आदि थे। संचालन सीसीए प्रभारी सुरेश चंद्र जोशी ने किया।

प्रसून जोशी की कविता सुनाकर दी प्रेरणा
कोतवाली की महिला कांस्टेबल रेखा आर्या ने पॉक्सो एक्ट की जानकारी दी। उन्होंने पॉक्सो अधिनियम को समझाने से पहले कवि प्रसून जोशी की कविता... ‘जब बचपन तुम्हारी गोद में आने से कतराने लगे। जब मां की कोख से जागती जिंदगी बाहर आने से घबराने लगे समझो कुछ गलत है...।।’ सुनाकर बच्चियों पर होने वाले जुल्म को बयां किया और उन्हें अपराजिता बनने के लिए प्रेरित किया।

अपराजिता कार्यक्रम में खुली चर्चा
प्रश्न -
समाज में महिलाओं के साथ अनेक अपराध हो रहे हैं लेकिन कई बार पुलिस अपराधियों को छोड़ देती है, क्यों ? - सुमबुल मलिक, फिजा अहमद, छात्रा।
जवाब - पुलिस कभी किसी अपराधी को नहीं छोड़ती है। ऐसे अपराधियों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश किया जाता है और न्यायालय उन्हें सजा देता है।

प्रश्न - खुलेआम नशीले पदार्थों को बेचने वालों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं होती है? - अंजलि बाराकोटी, हेमा टकवाल, छात्रा।
जवाब - पुलिस ने नशामुक्ति अभियान चला रखा है। समय-समय पर नशा कारोबारी पकड़े भी जा रहे हैं। अगर कहीं पर नशे का कारोबार हो रहा है तो पुलिस को सूचना दें। उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

प्रश्न - महिला सुरक्षा के लिए पुलिस द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं? - काजल चंदोला, मंजुला सिंह, छात्रा।
जवाब - महिला सुरक्षा के लिए हेल्पलाइन नंबर 1090 संचालित है। इस नंबर पर महिलाएं अपने साथ घटने वाली घटनाओं की शिकायत कर सकती हैं। कोतवाली में भी महिला डेस्क है। महिला पुलिस अफसर और कर्मी महिलाओं की सुनवाई करती हैं और महिला आयोग भी उनकी सुरक्षा के लिए काम कर रहा है।