उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। फिर किसी की हिम्मत नहीं कि कोई उनकी तरफ आंख उठाकर देख सके।
अमरोहा। नगर के जीजीआईसी में अमर उजाला अपराजिता कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें वक्ताओं ने विचार रखे। कहा कि बेटियां किसी से कम नहीं है। उन्होंने जमीन से आसमान तक और घर से लेकर राजनीति तक अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। वह अबला नहीं अपराजिता हैं...। बेटियों को कमजोर समझने वाले भूल न करें। उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की जरूरत है। फिर किसी की हिम्मत नहीं कि कोई उनकी तरफ आंख उठाकर देख सके।
बतौर मुख्य अतिथि सब इंस्पेक्टर आदेश कुमार ने कहा कि सच छिपाने और सूचना नहीं देने से अपराध बढ़ता है। यदि महिलाएं अपनी झिझक तोड़कर बेबाकी से अपनी बात पुलिस को बताएं तो अपराध पर नियंत्रण लगेगा। अपराधियों पर कार्रवाई हो सकेगी। अगर कोई आपको परेशान करता है, तो उसकी तत्काल सूचना देने की जरूरत है। कहा कि बच्चे को अच्छे स्पर्श और बुरे स्पर्श को शुरू से ही समझना होगा। उन्होंने महिला हेल्पलाइन 1090, और डॉयल 100 के बारे में भी जानकारी दी। अधिवक्ता इफ्तेखार सैफी ने कहा कि सरकार और पुलिस प्रशासन की लाख कवायद के बाद भी महिलाओं के प्रति अपराध हो रहे हैं। और यह सब महिलाओं की चुप्पी की वजह से हो रहा है। कहा कि सुरक्षित रहने के लिए महिलाओं को झिझक छोड़कर पुलिस से शिकायत करने को आगे आना पड़ेगा। सड़क सुरक्षा समिति के सदस्य अनिल कुमार जग्गा ने भी विचार रखे। इस दौरान कालेज प्रधानाचार्य राजो देवी, जुनैदा खातून, ममता, आयुषी, ममता सोलंकी आदि मौजूद रहे।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.