पेट्रोलिंग के लिए जब जया यादव की बाइक सड़क पर उतरती है तो उन्हें देखते ही मनचले गश खा जाते हैं। उनकी बहादुरी की मिसाल दिल्ली के हर घर में दी जाने लगी हैं।
5 फुट छह इंच लंबे कद वाली कांस्टेबल जया यादव लेडी सिंघम के नाम से मशहूर हैं। पेट्रोलिंग के लिए जब उनकी बाइक सड़क पर उतरती है तो उन्हें देखते ही मनचले गश खा जाते हैं। उनकी बहादुरी की मिसाल दिल्ली के हर घर में दी जाने लगी हैं। कांस्टेबल जया यादव ने राह में लड़कियों को छेड़ने वाले 1000 से भी ज्यादा मनचलों को सबक सिखाया है। वह कहती हैं कि भीड़ के बीच लड़कियों को कैसे सुरक्षित किया जा सकता है, वह अच्छे से जानती हैं। दिल्ली के ख्याला थाने में पोस्टिड बुलंद इरादों वाली कांस्टेबल जया यादव समाज की उन सभी लड़कियों/महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो बेबाकी से अपने सपने पूरा करने में विश्वास रखती हैं। कांस्टेबल जया ने पुलिस में भर्ती होकर उन लड़कियों/महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम की है कि कोई भी काम ऐसा नहीं है, जहां महिलाएं काम नहीं कर सकतीं। जिन कामों में समाज महिलाओं के काबिल नहीं समझता है, जया मानती हैं उन कामों को महिलाएं करें और समाज की इस दकियानूसी सोच को बदलें।
कैसे बनीं दबंग
कांस्टेबल जया यादव जहां अपने कार्यक्षेत्र में एक दबंग पुलिसकर्मी हैं, वहीं घर में वह एक आदर्श बहू हैं। वह बहुत गर्व से बताती हैं कि उन्हें दबंग बनाया उनकी सास ने। यूपी की रहने वाली कांस्टेबल जया शादी के बाद हरियाणा आ गईं। वह कहती हैं कि उनकी सास बहुत दिलेर हैं। सास को इस तरह मजबूत देखते हुए जया ने अपने मन की बात एक दिन सास के सामने कह डाली।
सास ने बनाया दिलेर
कांस्टेबल जया यादव बताती हैं कि एक दिन मैं अपनी सास के पास जाकर बैठी और उनसे कहा कि मेरा मन करता है कि मैं भी पुरुष पुलिसकर्मियों की तरह बाइक चलाकर पेट्रोलिंग करूं। जया कहती हैं कि सास ने जोर का ठहाका लगाया और कहा कि तुम्हें ऐसा करने से रोकता कौन है? तुम वही करो जो तुम्हारा मन करे। जया बताती हैं कि बल्कि सास ने तो मुझे दबंग बनने के लिए कई टिप्स दे डाले और कहा कि दबंग स्वभाव बनाओ और सख्ती से काम लो, फिर देखों कैसे अपराधी तुमसे थरथर कापेंगे। सास के बताए टिप्स कांस्टेबल जया ने अपनाए। वह कहती हैं कि सास ने हमेशा हौसला बढ़ाया और उसे आगे बढ़ने को प्रेरित किया।
फील्ड में रहना पसंद
कांस्टेबल जया यादव कहती हैं कि ऑफिस में बैठने की बजाय फील्ड में काम करना मुझे पसंद है। वह कहती हैं कि मैंने जब नौकरी की शुरुआत की थी तब मैं ट्रैफिक पुलिस में थी। उसके बाद पीसीआर में काम किया। इसलिए फील्ड में काम करना अच्छा लगता है। बताते चलें कि पिछले दो सालों से कांस्टेबल जया यादव की ड्यूटी दिल्ली के ख्याला थाने में लगी हुई है। दिलचस्प यह है कि वह यहां रिसेप्शन का काम और फील्डवर्क दोनों काम करती हैं। कहती हैं, जब ड्यूटी पर होती हूं तो यह नहीं देखती कि कौन सा काम करूं। जिस काम की जरुरत होती है, उसे पहले करती हूं।
पेट्रोलिंग क्यों है पसंद
कांस्टेबल जया यादव का कहना है कि बाइक पर सवार होकर पेट्रोलिंग करते हुए मुझमें एकदम साहस आ जाता है। इस दौरान मैं महिलाओं को यह विश्वास दिलाना वाहती हूं कि आपको मनचलों, शोहदों और सड़कछाप आशिकों से बिलकुल भी घबराने की जरूरत नहीं है। मैं लड़कियों में यह भरोसा कायम करती हूं कि वे खुद को किसी से कम नहीं समझें। आंकड़ाां की मानें तो कांस्टेबल जया यादव ने राह में लड़कियों को छेड़ने वाले ऐसे 1000 से भी ज्यादा मनचलों को सबक सिखाया है कि उन्होंने तौबा कर ली है। चश्मदीद बताते हैं कि कांस्टेबल जया यादव को देखते ही मनचले आशिक रास्ता बदल लेते हैं और भाग खड़े होते हैं। ख्याला की लड़कियां अब बिना किसी डर के अपने अपने कामों के लिए रात के समय भी बेखौफ सड़कों पर चलती हैं। अगर कोई कुछ कहे तो उनके पास कांस्टेबल जया यादव का नंबर है। उनका नाम लेते ही उन्हें छेड़छाड़ करने के इरादे से आए पुरुष भाग खड़े होते हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.