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सुषमा स्वराज : देश की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री 

Published - Thu 08, Aug 2019

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में एक नहीं दो बार दर्ज हुआ था सुषमा का नाम

sushma swaraj

विदेश मंत्री के तौर पर अप्रवासी भारतीयों की मदद की नई मिसाल कायम कर सभी का दिल जीत लेने वाली सुषमा स्वराज अपने राजनीतिक करियर के पहले दिन से ही सभी की चहेती थीं। उन्होंने अपनी जिंदगी में कई दफा दूसरों के लिए उदाहरण बनने का काम किया। महज 67 साल की उम्र में हृदयाघात के कारण इस दुनिया को त्याग गईं सुषमा ने ट्विटर पर ही आदेश जारी करते हुए डिजिटल प्रशासन का ऐसा उदाहरण पेश किया था, जिसके प्रशंसक पूरी दुनिया में थे। इसी का नतीजा था कि विदेश मंत्री रहने के दौरान सुषमा को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलो की जाने वाली विदेश मंत्री के तौर अपनी रिकॉर्ड बुक में दर्ज किया। इससे पहले भी वह एक बार लिम्का बुक में नाम दर्ज करा चुकी थीं। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने सुषमा और उनके पति स्वराज कौशल को दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित दंपती के तौर पर दर्ज किया था। स्वराज सांसद के अलावा मिजोरम के राज्यपाल भी रह चुके हैं। आइए जानते हैं सुषमा से जुड़े ऐसे ही कुछ और रोचक तथ्य-

एक नहीं तीन बार जीता था श्रेष्ठ हिंदी वक्ता का पुरस्कार
संस्कृत और राजनीति शास्त्र से स्नातक करने वाली सुषमा को भारतीय संसद से लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा तक हिंदी में जोरदार भाषण देने के लिए सराहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदी वक्ता के तौर पर सुषमा शुरुआत से ही प्रखर प्रतिभाशाली थीं। उन्होंने हरियाणा के भाषा विभाग की तरफ से आयोजित हिंदी वक्ता प्रतियोगिता में लगातार तीन साल तक श्रेष्ठ वक्ता का खिताब जीता था। उन्हें हरियाणा राज्य विधानसभा की तरफ से भी श्रेष्ठ हिंदी वक्ता के तौर पर सम्मानित किया गया था। 

राजनेता ही नहीं ‘योद्धा’ भी थीं सुषमा
सुषमा स्वराज ने खादी पहनकर राजनीति में काम करने से पहले योद्धा की खाकी वर्दी भी पहनी थी। वे लगातार तीन वर्षों तक अंबाला कैंट के एसडी कॉलेज में एनसीसी की बेस्ट कैडेट चुनी गई थीं।

बॉलीवुड फिल्मों को उद्योग का दिया दर्जा
जिन बॉलीवुड फिल्मों को पूरे विश्व में शौक से देखा जाता है, उनके निर्माण को उद्योग का दर्जा देकर बैंकों से कर्ज लेने का रास्ता साफ करने का श्रेय भी सुषमा को ही है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 1998 में सुषमा ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री के तौर पर बॉलीवुड को इंडस्ट्री घोषित किया था। इस कदम को बॉलीवुड फिल्मों में अंडरवर्ल्ड के अवैध पैसे की खपत बंद करने वाला भी माना जाता है।

अपनी हाजिरजवाबी के लिए थीं मशहूर
सुषमा अपनी हाजिरजवाबी के लिए भी बेहद मशहूर थीं। संसद में चर्चाओं के दौरान उनके जवाबों ने कई बार विपक्षी सदस्यों को चुप कराया तो ट्विटर पर तो उनकी हाजिरजवाबी ने सभी का दिल जीत लिया। एक फॉलोअर के यह ट्वीट करने पर कि जो ये ट्वीट कर रहा है, वो निश्चित तौर पर सुषमा स्वराज नहीं है, तो उन्होंने लिखा था कि निश्चिंत हो जाओ, मैं ही हूं, मेरा भूत नहीं। ऐसे ही फैंसी ड्रेस कॉम्पिीटिशन में अपनी नकल करने वाली भव्या नाम की बच्ची के लिए उन्होंने लिखा था कि प्रिय भव्या, लगता है कि जल्द ही लोग आपको रियल और मुझे डुप्लीकेट कहने लगेंगे। इसी तरह एक व्यक्ति के फ्रिज की शिकायत करने पर उन्होंने लिखा था कि भाई, इसमें मैं आपकी मदद नहीं कर सकती, क्योंकि मैं संकट में फंसे इंसानों की मदद में फंसी हूं। 

बड़ौदा डायनामाइट मामले में जार्ज फर्नांडिस के वकीलों की टीम में रहीं
राजनेता के अलावा पेशे से वकील भी नहीं सुषमा स्वराज उन वकीलों की टीम में भी थीं, जिन्होंने आपातकाल के दौरान देश के पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीस के ऊपर लगे बड़ौदा डायनामाइट कांड को लेकर अदालत में 1975 से 1977 तक उनका बचाव किया था।