चुनाव प्रचार के दौरान यहां पहुंची तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री सुषमा स्वराज ने तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख और विधानसभा चुनाव की भाजपा प्रत्याशी सुषमा राणा को विजयी बनाने की अपील की थी।
खटीमा (ऊधमसिंह नगर)। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुषमा राणा के चुनाव प्रचार के लिए यहां पहुंचीं थीं। तब उन्होंने थारु राजकीय इंटर कॉलेज में चुनावी सभा को संबोधित किया था।
चुनाव प्रचार के दौरान यहां पहुंची तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री सुषमा स्वराज ने तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख और विधानसभा चुनाव की भाजपा प्रत्याशी सुषमा राणा को विजयी बनाने की अपील की थी। उन्होंने क्षेत्र एवं प्रदेश की जनता से अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व को मजबूत करने की अपील की थी। इस दौरान तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पूरन चंद्र शर्मा, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष ममता पलड़िया, वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता हरीश जोशी, राजेंद्र सिंह भंडारी राजू, गोपाल राणा चांदा, जया जोशी, संजीव बत्रा, अनिल बंसल, कैलाश मनराल दान बहादुर सिंह आदि थे।
सुषमा स्वराज ने रानीखेत को बताया था अपना मायका
रानीखेत (अल्मोड़ा)। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज का पर्यटन नगरी से भी गहरा लगाव था। 2002 में नवगठित उत्तराखंड राज्य के पहले विधानसभा चुनाव के दौरान वहां यहां भी आईं थीं। वह तब केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री थीं। ऐतिहासिक खड़ी बाजार में भाजपा कार्यकर्ताओं ने परंपरागत कुमाऊंनी तरीके से उनका स्वागत किया। सत्कार से सुषमा स्वराज इतना खुश हुईं कि उन्होंने सिर पर कलश रखकर कह दिया कि रानीखेत उनका मायका है।
2002 में राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से वर्तमान सांसद अजय भट्ट तब विधायक प्रत्याशी के तौर पर रानीखेत से चुनाव मैदान में थे। पांच फरवरी को तत्कालीन केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री सुषमा स्वराज की यहां जनसभा तय हुई। वह अपराह्न मजखाली हेलीपैड पर उतरीं और ऐतिहासिक खड़ी बाजार पहुंचीं। सैकड़ों की तादाद में यहां मौजूद लोगों ने उनका तालियों से स्वागत किया। जैसे ही सुषमा स्वराज मंच पर पहुंचीं, वहां मौजूद विधायक प्रत्याशी अजय भट्ट, रवि मोहन अग्रवाल, राजेंद्र बिष्ट, स्वर्ण कुमारी मिश्रा सहित तमाम नेताओं और कई महिला कार्यकर्ताओं ने परंपरागत कुमाऊंनी पिछौड़ा ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। बाद में उन्हें स्टील का कलश भेंट किया। वरिष्ठ भाजपा नेता भुवन चंद्र पपने ने उस वक्त के स्वागत की तस्वीर अमर उजाला को प्रदान की। सुषमा स्वराज के ओजस्वी भाषणों को सुनकर वहां मौजूद जनता ने जमकर तालियों से उनका स्वागत किया। उनके निधन से पूरा क्षेत्र स्तब्ध है।
केवल एक गुजारिश में ही दे डाली दस लाख की सांसद निधि
चंपावत। लोगों के दिलों में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की दरियादिली, ईमानदारी और आत्मीयता की छवि लंबे अर्से तक जिंदा रहेगी। खेतीखान क्षेत्र के पारगोशनी निवासी देवेंद्र ओली उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य रहीं सुषमा स्वराज की दरियादिली के आज भी कायल हैं। वह बताते हैं कि वर्ष 2005 में जब पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष थे, तब उस समय सुषमा स्वराज ने उनकी एक गुजारिश पर सांसद निधि से दस लाख रुपये की निधि जारी की थी।
उन्होंने बताया कि वह तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कोश्यारी के लेटर पैड में सांसद निधि के लिए कार्यों का ब्योरा लेकर सुषमा स्वराज के सफदरगंज लेन स्थित सरकारी आवास में गए थे जहां सुषमा स्वराज उनसे आत्मीयता से मिलीं और अपनी सांसद निधि से राजकीय बालिका इंटर कालेज में दो अतिरिक्त कक्षों के लिए पांच लाख रुपये, सरस्वती शिशु मंदिर खेतीखान में शौचालय निर्माण के लिए 50 हजार रुपये, सरस्वती विद्या मंदिर में शौचालय निर्माण के लिए 50 हजार रुपये, विवेकानंद विद्या मंदिर इंटर कालेज चंपावत में कक्षा कक्ष निर्माण के लिए दो लाख रुपये तथा एक अन्य स्कूल में कक्षा कक्ष निर्माण के लिए दो लाख रुपये की मंजूरी प्रदान कर दी।
स्वराज ने चंपावत के दो युवकों की कराई थी वतन वापसी
चंपावत। सुषमा स्वराज जब विदेश मंत्री थीं तब उन्होंने विदेश में फंसे चंपावत जिले के दो युवकों को एक ट्वीट करने पर दोनों की वतन वापसी कराई थी।
जिले के लधिया घाटी के नवीन सिंह भंडारी को जब मलयेशिया में चंपावत के एक युवक के फंसने की जानकारी मिली तो उन्होंने 29 जनवरी 2017 को तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट किया और जगत सिंह की वापसी की अपील की। जगत सिंह का वीजा समाप्त हो गया था और होटल मालिक जगत सिंह का उत्पीड़न कर रहा था। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट का तत्काल संज्ञान लेते हुए जगत सिंह की भारत वापसी का इंतजाम कराया। वहीं टूरिस्ट वीजा पर मलयेशिया घूमने गए लधिया घाटी के युवक अशोक भट्ट को भी 17 जून 2017 को मलयेशिया पुलिस ने समय से वीजा न दिखाने के जुर्म में पकड़ लिया। नवीन भंडारी ने मलयेशिया स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करने के बाद सुषमा स्वराज को मेल और ट्वीट भी किया। भारतीय दूतावास ने अशोक के सारे कागजात मंगाए और भारतीय दूतावास के अधिकारी राजीव अहीर ने नवीन से संपर्क कर पूरी मदद का भरोसा दिया जिसके फलस्वरूप अशोक 8 दिसंबर 2017 को सकुशल दिल्ली पहुंच गए।
विभिन्न संगठनों ने जताया शोक
चंपावत/लोहाघाट। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर विभिन्न संगठनों ने शोक जताया है। बहुउद्देशीय साधन सहकारी समिति के अध्यक्ष गिरीश जोशी, रघुवर सिंह बोहरा, अंबादत्त फुलारा, पूर्व ब्लाक प्रमुख बहादु सिंह फर्त्याल, ग्राम प्रधान विनोद सिंह आदि ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। बाराकोट में लड़ीधुरा शैक्षिक एवं सांस्कृतिक मंच ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर गहरा शोक जताया है। समिति के सदस्यों और ग्रामीणों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। वहां नगेंद्र कुमार जोशी, जगदीश सिंह अधिकारी, प्रदीप ढेक, राजू अधिकारी, देवेंद्र सिंह अधिकारी, प्रकाश सिंह अधिकारी, परमानंद जोशी, भवान सिंह, शेर सिंह, गुमान सिंह, चांद सिंह, प्रहलाद सिंह, भवान सिंह, नैन सिंह, गणेश सिंह, चंचल सिंह, प्रकाश सिंह आदि मौजूद रहे।
सुबह जब बोहनी अच्छी होती है, दिन अच्छा जाता है...
लोहाघाट (चंपावत)। मैं बनिये की बेटी हूं, सुबह जब बोहनी अच्छी होती है, दिन अच्छा जाता है। यहां की जनता का अपार समर्थन देखकर बहुत प्रफुल्लित हूं। ये शब्द 11 फरवरी 2002 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने लोहाघाट रामलीला मैदान में हुई चुनावी सभा में कहे थे। उन्होंने तब 45 मिनट तक भाषण दिया था।
भाजपा नेता केसी पुनेठा ने बताया कि स्वराज से उनके निजी संबंध थे। वह राज्यसभा चुनाव में उनके एजेंट थे। सुषमा जी शानदार वक्ता ही नहीं थी बल्कि मिलनसार, सीधी-सरल और व्यवहार कुशल भी थीं। जनसभा में पूर्व नगर पंचायत सभासद किरन पुनेठा ने कुमाऊंनी परिवेश पहन उनका तिलक लगाकर स्वागत किया था। उन्हें पिछौड़ा पहनाया। तब सुषमा स्वराज ने मंच पर मौजूद केसी पुनेठा की पत्नी विद्या पुनेठा को गले लगा लिया था।
महिलाओं में उत्साह का संचार कर गईं सुषमा स्वराज
अस्कोट/कनालीछीना। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान जनसभा को संबोधित करने भाजपा नेता सुषमा स्वराज अस्कोट पहुंचीं थीं। तब पहली बार आईटीआई मैदान में उनका हेलीकॉप्टर उतरा। उन्होंने प्रखरता के साथ पार्टी प्रत्याशी शांति भंडारी के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। सुषमा स्वराज को सुनने के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं मैदान में पहुंची थीं। उन्होंने महिलाओं को हर क्षेत्र में आरक्षण की वकालत की। उन्होंने कहा कि पहाड़ की महिलाएं जीवट होती हैं और उनका दिल भी पहाड़ की तरह बड़ा होता है। उनका भाषण सुनने के बाद महिलाओं में नए उत्साह का संचार हुआ। वर्तमान में राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय विशना देवी, रमा देवी, लक्ष्मी देवी, अंजना ने बताया कि सुषमा स्वराज का भाषण सुनने के बाद उनमें नई ऊर्जा का संचार हुआ। इसी के बाद वे सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हुईं। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष किशन भंडारी ने बताया कि उन्होंने अपने भाषणों में पहाड़ की महिलाओं की तारीफ की थी और कहा था कि पहाड़ की महिलाओं को सम्मान मिलना चाहिए।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.