Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

शन्नोबाई और लवली ने अलख जलाकर रोका पलायन

Published - Mon 16, Sep 2019

राजस्थान के जनजाति क्षेत्र में 600 महिलाओं का संगठन बनाकर चलाई मुहिम, - कॉप-14 में ‘महिला समानता का अधिकार’ मुद्दे पर विशेषज्ञ वार्ता में शामिल हुईं लवली

palayan

राजस्थान के सिरोही जिले के जनजाति क्षेत्र की रहने वाली लवली और शन्नोबाई ने 600 महिलाओं का संगठन बनाया और घटते वन क्षेत्र में पौधे लगाने की मुहिम चलाई। इस मुहिम से न केवल वन क्षेत्र बचा बल्कि हजारों लोगों का पलायन रुका और उनका रोजगार भी कायम रहा। इंडिया एक्सपो मॉर्ट में आयोजित हुए कॉप-14 (संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण से सामना) सम्मेलन में ‘महिला समानता का अधिकार’ मुद्दे पर विशेषज्ञ वार्ता में लवली ने अपनी मुहिम लोगों के बीच साझा की। 
सम्मेलन में लवली ने बताया कि उसके क्षेत्र के लोगों का जीवन वनों (विशेषकर तेंदू पत्ता) पर आधारित है। क्षेत्र में गिरते वन क्षेत्र के चलते वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उन्हें वन में जाने नहीं देते थे। छह सौ महिलाओं ने संगठन बनाकर पहले तो इसका विरोध किया। बाद में स्वयं पानी बचाने और वन क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के लिए पौधे लगाने की मुहिम में जुट गई। लवली ने बताया कि वर्षा का जल संचयन करने के लिए छोटी-छोटी बाड़ियां और हौदी (पानी इकट्ठा करने का स्थान) बनाए गए। मिट्टी का कटान रोकने के लिए पौधों के आस-पास पत्थर लगाए। पौधे लगाकर क्षेत्र को हरा-भरा बनाया गया। 
इसके अलावा महिला संगठन ने शराब के खिलाफ आंदोलन चलाया और पीड़ित महिलाओं को उनका हक दिलाने के लिए प्रदर्शन और आंदोलन किए। जिले में मुहिम चलाकर विधवा औरतों को उनके पति की संपत्ति में पूरा हक दिलाया। लवली ने हाल ही में पंचायत चुनाव में भी हिस्सा लिया, हालांकि वह महज 15 वोट से हार गईं। उनका कहना है कि हारने के बाद भी वह निरंतर संगठन के कार्य में लगी हैं। आज संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य संस्थाओं ने उन्हें अपने मंच पर स्थान दिया है। 

संघर्ष के बाद मिला उचित स्थान
महिला लैंगिक समानता पर उनका कहना है कि वैसे तो विश्वभर में महिलाओं को दोयम दर्जा ही दिया जाता है। उन्हें भी कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन कुछ समय बाद जब महिलाओं को उनका हक और उचित स्थान मिलने लगा। यहां तक कि शन्नोबाई एक कार्यक्रम के लिए अमेरिका और लवली आस्ट्रेलिया जा चुकी हैं।