जुन्को ताबेई माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली दुनिया की पहली महिला थीं। 77 वर्ष की उम्र में 20 अक्टूबर, 2016 कैंसर के चलते उनका निधन हो गया था।
आज गूगल ने डूडल बनकर जुन्को ताबेई के 80वें जन्मदिन पर उन्हें याद किया। जुन्को ताबेई 16 मई, 1975 को माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली दुनिया की पहली महिला बनीं थीं। 77 वर्ष की उम्र में 20 अक्टूबर, 2016 कैंसर के चलते उनका निधन हो गया था। उन्होंने माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह करने के बाद भी अपनी यात्रा जारी रखी थी और 70 से अधिक देशों के सबसे ऊंचे पर्वतों की चोटियों को फतह कर इतिहास रचा था।
एवरेस्ट फतह करने के 16 वर्ष बाद 1991 में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मैं और भी पर्वत फतह करना चाहती हूं। उन्होंने यह साहस भरा काम एक ऐसे देश में रहते हुए किया था जहां महिलाओं की जगह घर में मानी जाती थी। उनका फलसफा था कि जीवन को पूरी तरह से जीना चाहिए। उन्होंने 1969 में एक लेडीज क्लाइंबिग क्लब की स्थापना की थी। उनके दो बच्चे थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया, 'मेरी पीढ़ी के अधिकतर जापानी पुरुष उम्मीद करते हैं कि महिलाएं घर में रहेंगी और घर की सफाई करेंगी। वह 1992 में सात महाद्वीपों की सबसे ऊंचे पर्वतों की चोटियों को फतह करने वाली पहली महिला बनीं।
जुन्को ने बनाई नई पहचान
जुन्को ताबेई का जन्म 22 सितंबर, 1939 को मिहारू, फुकुशिमा में हुआ था। उनमें बचपन से ही पर्वतारोहण का जुनून था। महज 10 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार माउंट नासू के पास चढ़ाई की थी। उनके पति का नाम मासानोबू ताबेई था, वह भी एक माउंट क्लाइंबर थे। जुन्को को जापान में पर्वतारोहण को एक अडवेंचर के तौर पर पहचान दिलाई। जो उनकी भी एक पहचान बन गई। उन्होंने वहां लेडीज क्लाइंबिंग क्लब की शुरुआत की थी। इसकी शुरुआत 1969 में हुई। वह सात भाई-बहल थे और जुन्को पांचवे नंबर की थीं।
हादसे भी नहीं रोक सके हौसले
जुंको ने 16 मई, 1975 को माउंट एवरेस्ट फतह किया। 15 पर्वतारोही और 6 शेरपा के साथ जब उनकी टीम माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर रही थी तभी 9000 फीट पर स्थित इन लोगों का बेस कैंप खतरनाक हिमस्खलन की चपेट में आ गया। यह हादसा काफी भयानक और डराने वाला था। लेकिन उन्होंने हिम्मत तो नहीं हारी और तीन दिन बाद अपने गाइड से साथ उन्होंने अकेले माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई शुरू की। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचने में उन्हें 12 दिन का समय लगा था।
एवरेस्ट की थी फिक्र
साल 1992 में जुन्को ताबेई दुनिया की पहली ऐसी महिला बन गईं थी जिसने सातों महाद्वीपों में मौजूद सबसे ऊंची 7 चोटियों को फतह किया। माउंट एवरेस्ट को लेकर जुंको काफी चिंतित थीं। साल 2003 में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि एवरेस्ट पर भीड़ काफी बढ़ गई है और उसे अब आराम की जरूरत है। जुंको ताबेई ने अपना पूरा जीवन 70 देशों में मौजूद पहाड़ों की अलग-अलग चोटियों की चढ़ाई करने में बिताया।
ताबेई के बारे में
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.