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अहमदाबाद की सड़कों पर फर्राटा भरती महिला ड्राइवर्स की गाड़ियां

Published - Fri 18, Oct 2019

अगर आप अहमदाबाद जाते हैं तो वहां की सड़कों पर दौड़ते ऑटो, लोडिंग बस और कैब में अगर महिला ड्राइवर दिखे, तो चौंकना की जरूरत नहीं है।

women driver

गुजरात। अहमदाबाद की रहने वाली कीर्ति जोशी को जब भी महिलाओं की पीड़ा सुनाई पड़ती थी वह बेचैन हो जाती थी। इसलिए कीर्ति ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की ठानी। इसके लिए उन्होंने ‘ड्राईवर बेन: एक नई पहचान’ नामक कार्यक्रम शुरू किया। इस कार्यक्रम के तहत वह महिलाओं को ड्राविंग सिखाकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही हैं। ऐसे में अगर आप भी अहमदाबाद जाते हैं तो वहां की सड़कों पर दौड़ते ऑटो, लोडिंग बस और कैब में अगर महिला ड्राइवर दिखे, तो चौंकना की जरूरत नहीं है। इस प्रोजेक्ट की शुरूआत जनविकास संगठन और आजाद फाउंडेशन के तहत की गई है। 
इस प्रोजेक्ट को साल 2016 में शुरू किया गया था। जिसका उद्देश्य गरीब लड़कियों और महिलाओं को ड्राइविंग सिखाकर एक बेहतर भविष्य देना है। प्रोजेक्ट की कमान संभाल रही कीर्ति का मानना है कि सिर्फ ड्राइविंग ही नहीं बहुत से ऐसे प्रोफेशन है, जो पुरूष प्रधान हैं। यहां महिलाएं व्यक्तिगत कामों के लिए तो ड्राइविगं कर सकती है, लेकिन उसको पेशा बनाने की बात आती है तो न जाने कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए हमारा उद्देश्य महिलाओं को इस पेशे के लिए तैयार करके समाज में एक बदलाव लाना है। 
‘ड्राईवर बेन: एक नई पहचान’ कार्यक्रम में महिलाओं को 6 महीने का कोर्स कराया जाता है। जिसमें ड्राइविंग के साथ-साथ आत्म-निर्भरता की ट्रेनिंग भी दी जाती है। इसके अलावा उन्हें ‘सेक्स एंड जेंडर’ के लिए भी समझाया जाता है, ताकि वह अपने अधिकारों से भी परिचित रहें। 
इस प्रोजेक्ट की शुरूआत 10-15 महिलाओं के साथ हुई थी और आज यहां सैकड़ों में महिलाएं सीख रही हैं। अब तक 130 महिलाएं ड्राइविंग सीख चुकी हैं, जिनमें से 100 महिलाएं नौकरी कर रही है। कीर्ति इसकी सफलता से बेहद खुश हैं और गर्व भी महसूस करती है।