कोमल के पिता ने उनकी पढ़ाई छुड़वा दी थी क्योंकि उन्हें लगता था कि बेटियों को पढ़ाने का कोई फायदा नहीं है। लेकिन कोमल ने हार नहीं मानी और खुद के दम पर कुछ करने की ठान ली और कैब चलाने लगीं। कैब चलाते हुए वह 12वीं की पढ़ाई कर रही हैं।
सोशल मीडिया पर रोजना न जाने कितनी ही पोस्ट वायरल होती रहती हैं। ऐसी ही एक पोस्ट कैब ड्राइवर कोमल के बारे में है जो इन दिनों खूब वायरल हो रही है। इस पोस्ट में कोमल के बारे में जो संर्घष बताया गया है वह वाकई उन लोगों के लिए प्रेरणादाई है जो अपने दम पर परिस्थितियों से लड़कर कुछ करना चाहते हैं।
इस पोस्ट को सिंगापुर से दिल्ली घुमने आई एक उद्यमी ओलीविया डेका ने साझा किया है। 19 साल की कोमल दिल्ली में उबेर की कैब चलाती है। उनके पिता ने उनकी पढ़ाई छुड़वा दी थी क्योंकि उन्हें लगता था कि बेटियों को पढ़ाने का कोई फायदा नहीं है। लेकिन कोमल ने हार नहीं मानी और खुद के दम पर कुछ करने की ठान ली और कैब चलाने लगीं। कैब चलाते हुए वह 12वीं की पढ़ाई कर रही हैं। उन्हें कैब चलाते हुए एक साल से अधिक हो गया है। कोमल के 2 बड़े और 1 छोटा भाई है।
ओलीविया अपनी पोस्ट में लिखती हैं, 'मैंने साकेत से गुड़गांव के लिए उबेर से कैब बुक की और यह यात्रा बहुत शानदार रही क्योंकि मेरी कैब ड्राइवर एक छोटी सी लड़की थी जिसके सपने बहुत बड़े हैं।'
ओलीविया ने अपनी इस यात्रा के दौरान कोमल से बहुत सारी बाते की। जिनकों उन्होंने शेयर किया है। पोस्ट के मुताबकि, पिता जी ने जब पढ़ाई छुड़वा दी तो कोमल ने खुद ही पैसे कमा कर पढ़ने की ठान ली और कुछ साल के गैप के बाद फिर से एडमीशन ले लिया। कोमल कहती हैं, 'अभी तो कॉलेज जाना है और लाइफ में बहुत कुछ करना है। पापा नहीं चाहते मैं पढ़ाई करूं या ऊबर चलाऊं लेकिन मैं किसी की नहीं सुनती।' कोमल आगे कहती हैं, 'मैं खुद कुछ करना चाहती हूं और कर भी रही हूं। लोग क्या कहते हैं मैं इग्नोर कर देती हूं।'
ओलीविया अपनी पोस्ट में लिखती हैं, जिंदगी के प्रति उसके उत्साह को देखकर मैं उसकी कायल हो गई। पूरी दुनिया में ऐसी बहादुर लड़कियों की जरूरत है, जो हिम्मत और जज्बे के साथ जिंदगी जिए। इतना दृढ़निश्चयी हों कि अपने जीवन की चुनौतियों को अपने हाथों में लेकर जिंदगी की रेस जीत जाएं। कोमल एक हीरा है जो अपनी यहां अपनी चमक बिखेरने के लिए है।
अपनी पोस्ट के आखिर में ओलिविया ने लिखा, 'मैं कोमल से हमेशा जुड़ी रहूंगी। मुझसे जितना हो सकेगा, मैं कोमल की उतनी मदद करूंगी। मैंने कोमल से सेल्फी के लिए कहा क्योंकि मैं अब उसकी फैन हो गई हूं।'
ओलीविया लिखती हैं, यात्रा के बाद मैंने उससे एक सेल्फी के लिए कहा क्योंकि अब मैं उसकी फैन हो चुकी हूं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.