फोर्ब्स ने सबसे ज्यादा कमाई करने वाली दुनिया की 15 महिला खिलाड़ियों की एक सूची जारी की है, जिसमें पीवी सिंधु (पुसरला वेंकट सिंधु) भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी घोषित हुई हैं।
भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु देश की ही नहीं, बल्कि दुनिया की भी सबसे अमीर महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई हैं। फोर्ब्स मैग्जीन ने दुनिया की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली शीर्ष 15 महिला खिलाड़ियों की सूची जारी की है, जिसमें अमेरिका की टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स टॉप पर काबिज है। वहीं, पीवी सिंधु इस सूची में एकमात्र बैडमिंटन खिलाड़ी होने के साथ ही भारत की भी अकेली खिलाड़ी हैं, जो 13वें स्थान पर हैं। सेरेना विलियम्स की कमाई 29.2 मिलियन डॉलर (करीब 207 करोड़ रुपये) है। इनमें प्राइज मनी से 4.2 मिलियन डॉलर (करीब 29.7 करोड़) रुपये और विज्ञापन से 25 मिलियन डॉलर (करीब 177 करोड़ रुपये) मिले। सिंधु की कुल कमाई 5.5 मिलियन डॉलर (38.9 करोड़ रुपये) है। उन्होंने प्राइज मनी से 3.54 करोड़ और विज्ञापन से 35.4 करोड़ रुपये कमाए।
रैंकिंग में तीसरे स्थान पर सिंधु
फोर्ब्स की जारी सूची में कहा गया है कि सिंधु भारतीय बाजार में सबसे ज्यादा मांग वाली महिला एथलीट हैं। दुश-दुनिया के बड़े-बड़े ब्रेंड्स उन्हें अपने विज्ञापनों में लेने को आतुर रहते हैं। बताते चलें कि 2018 सीजन के अंत में बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल जीतने वाली पहली भारतीय बनी थीं। सिंधु बैडमिंटन रैंकिंग में तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने अब तक 248 मैच जीते। 106 मुकाबलों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि भारत की ओर से ओलंपिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन का रजत पदक जीतने वाली पीवी सिंधु पहली खिलाड़ी हैं। इससे पहले वह भारत की नेशनल चैंपियन भी रह चुकी हैं। सिंधु ने नवंबर 2016 में चीन ऑपन का खिताब अपने नाम किया था।
खिलाड़ी माता-पिता की प्रतिभावान लाडली
सिंधु पूर्व वालीबॉल खिलाड़ी पी.वी. रमण और पी. विजया के घर पांच जुलाई 1995 में पैदा हुईं। रमण भी वालीबाल खेल में उल्लेखनीय कार्य हेतु वर्ष-2000 में भारत सरकार का प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। उनके माता-पिता पेशेवर वॉलीबॉल खिलाड़ी थे, किन्तु सिंधु ने 2001 के ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन बने पुलेला गोपीचंद से प्रभावित होकर बैडमिंटन को अपना करियर चुना और महज आठ साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया। सिंधु ने सबसे पहले सिकंदराबाद में इंडियन रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूर संचार के बैडमिंटन कोर्ट में महबूब अली के मार्गदर्शन में बैडमिंटन की बुनियादी बातों को सीखा। इसके बाद वे पुलेला गोपीचंद के गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी में शामिल हो गई। आगे चलकर वे मेहदीपट्टनम से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की हैं।
करियर की उपलब्धियां
अंतरराष्ट्रीय सर्किट में, सिंधु कोलंबो में आयोजित 2009 सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता रही हैं। उसके बाद उन्होने वर्ष-2010 में ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज के एकल वर्ग में रजत पदक जीता। 2010 में ही वह मेक्सिको में आयोजित जूनियर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचीं। 2010 के थॉमस और उबर कप के दौरान वे भारत की राष्ट्रीय टीम की सदस्य रही। 14 जून 2012 को, सिंधु इंडोनेशिया ओपन में जर्मनी के जुलियन शेंक से 21-14, 21-14 से हार गईं। 7 जुलाई 2012 को एशिया यूथ अंडर-19 चैम्पियनशिप के फाइनल में उन्होने जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहरा को 18-21, 21-17, 22-20 से हराया। उन्होने 2012 में चीन ओपन (बैडमिंटन) सुपर सीरीज टूर्नामेंट में लंदन ओलंपिक 2012 के स्वर्ण पदक विजेता चीन के ली जुएराऊ को 9-21, 21-16 से हराकर सेमी फाइनल में प्रवेश किया। वे चीन के ग्वांग्झू में आयोजित 2013 के विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में एकल पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी है। इसमें उन्होने ऐतिहासिक कांस्य पदक हासिल किया था।
भारत की उभरती हुई इस बैडमिंटन खिलाड़ी ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए एक दिसंबर 2013 को कनाडा की मिशेल ली को हराकर मकाउ ओपन ग्रां प्री गोल्ड का महिला सिंगल्स खिताब जीता है। शीर्ष वरीयता प्राप्त 18 वर्षीय सिंधु ने सिर्फ 37 मिनट चले खिताबी मुकाबले में मिशेल को सीधे गेम में 21-15, 21-15 से हराकर अपना दूसरा ग्रां प्री गोल्ड खिताब जीता। उन्होंने इससे पहले मई में मलेशिया ओपनजीता था। सिंधु ने शुरुआत से ही दबदबा बनाया और कनाडा की सातवीं वरीय खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया। पीवी सिंधु ने 2013 दिसंबर में भारत की 78वीं सीनियर नेशनल बैडमिंटन चैम्पियनशिप का महिला सिंगल खिताब जीता।
2016 रियो ओलंपिक में रजत जीता
सिंधु ने ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में आयोजित 2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और महिला एकल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला बनीं। सेमी फाइनल मुकाबले में सिंधु ने जापान की नोजोमी ओकुहारा को सीधे सेटों में 21-19 और 21-10 से हराया। फाइनल में उनका मुकाबला विश्व की प्रथम वरीयता प्राप्त खिलाड़ी स्पेन की कैरोलिना मैरिन से हुआ। पहली गेम 21-19 से सिंधु ने जीती, लेकिन दूसरी गेम में मैरिन 21-12 से विजयी रहीं, जिसके कारण मैच तीसरी गेम तक चला। तीसरी गेम में उन्होंने (21-15) के स्कोर से मुकाबला किया, किंतु अंत में उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च की जाती है
गूगल की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, 'महिला एकल बैडमिंटन के सेमीफाइनल में विश्व की नंबर छह खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को हराने के बाद सिंधु सबसे अधिक खोजे जाने वाली भारतीय खिलाड़ी हैं। इसके बाद भारत के लिए पहला पदक जीतने वाली साक्षी मलिक का नंबर है।'
सिंधु को मिले ये सम्मान
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देश ने बिठाया था तब सर आंखों पर
2016 रियो समर ओलंपिक्स में जब सिंधु ने रजत पदक जीतकर भारत का नाम रोशन कियाथा, तब देशवासियों ने भी उन्हें सर-आंखों पर बिठाते हुए उनके लिए ईनाम की छड़ी लगा दी थी। जानते हैं, तब किस-किसने सिंधु को क्या-क्या दिया था।
संक्षिप्त में यूं जानें पीवी सिंधु के बारे में
- story by sunita kapoor
पीवी सिंधू तस्वीरों में
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.