प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, योजना लागू करने में दिल्ली सरकार की मदद करने की अपील
नई दिल्ली। मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त सफर कराने की दिल्ली सरकार की प्रस्तावित योजना में मेट्रो मैन ई. श्रीधरन के विरोध के बाद योजना आयोग की प्रमुख सलाहकार रहीं डॉ. रेणुका विश्वनाथन ने दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने योजना के समर्थन में दलीलें पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इसे लागू करने की गुजारिश की है।
डॉ. रेणुका ने लिखा है कि बतौर प्रशासक व अर्थशास्त्री उनका मत सब्सिडी को दरकिनार करने का रहा है। इससे बाजार के नियमों व कीमत तय करने के आधारों पर बुरा असर पड़ता है। केंद्र सरकार में सचिव व योजना आयोग की प्रमुख सलाहकार रहने के दौरान इसे बखूबी समझा था, लेकिन विक्रेताओं और खरीददारों की समान रूप से सूचनाओं तक पहुंच न बन पाने के कारण हकीकत में बाजार के ज्यादातर नियम पहले से ही टूटे हुए हैं। इसी वजह से सभी सरकारें समाज के कमजोर तबके को मदद करने के लिए सब्सिडी देती रही हैं। भारत समेत पूरी दुनिया की मेट्रो का विकास भी सब्सिडी के सहारे हुआ है। ब्राजील समेत दूसरे कई देशों में समाज के कुछ वर्गों का मुफ्त में सफर की सुविधा दी जाती है। दिल्ली सरकार का मेट्रो में महिलाओं को मुफ्त में सफर कराने के प्रस्ताव से मेट्रो में महिला मुसाफिरों की संख्या बढ़ेगी। इससे उनकी आय बढ़ेगी और देश की सामाजिक व आर्थिक व्यवस्था में समानता आएगी। दिलचस्प यह कि इससे करदाताओं पर भी कोई अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा। इससे डीएमआरसी के राजस्व में भी कमी नहीं आएगी। इसके उलट उसकी आय बढ़ेगी। इसका असर डीएमआरसी की आर्थिक स्वायत्तता पर आएगा। वह अपनी देयताओं को चुकाने में समक्ष होगी।
डॉ. रेणुका ने आगे लिखा है कि इस योजना का फायदा दिल्ली के वायु प्रदूषण कम करने के तौर पर भी आएगा। सड़क पर निजी वाहनों की संख्या कम होने से प्रदूषण में कमी आएगी। उन्होंने अपील की है कि केंद्र सरकार इस योजना की खूबियों की पहचान कर इसे लागू करने में मददगार साबित होगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों ई. श्रीधरन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सलाह दी थी कि योजना को लागू न करें। मेट्रो मैन की दलील थी कि इससे मेट्रो कंगाल होगी। आर्थिक स्वायत्तता खत्म से मेट्रो पूरी तरह राज्य सरकारों पर निर्भर हो जाएगी। इससे देश में मेट्रो का भविष्य बेहतर नहीं होगा।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.