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कल्पना ने उठा रखा है गंदी दीवारों को साफ करने का जिम्मा

Published - Fri 27, Nov 2020

हर जगह गंदगी और कूड़ा-करकट तो सभी देखते हैं लेकिन इसे सुधारने का प्रयास कुछ लोग ही करते हैं। कुछ ऐसा ही अलग हटकर काम कर रही हैं मध्यप्रदेश की रहने वाली कल्पना केकरे।

नई दिल्ली। कल्पना केकरे बताती हैं कि शहर में सार्वजनिक जगहों पर फैली गंदगी मुझे परेशान कर देती थी। सोशल मीडिया पर एक समूह से प्रभावित होकर मैंने सप्ताह में एक दिन सार्वजनिक जगहों पर सफाई अभियान चलाना शुरू किया। मैं मध्य प्रदेश में भोपाल की रहने वाली हूं। जब मैं शहर में किसी काम से जाती थी, तो सार्वजनिक जगहों पर कचरा और दीवारों पर गंदगी देखकर मन खिन्न हो जाता था। हालांकि नगर निगम सफाई करवाता था, लेकिन चारों तरफ पसरी गंदगी के आगे वह अपर्याप्त थी। पान के पीक से गंदी हो चुकी दीवारों व बिखरे कूड़े को देखकर मैं सोचती थी कि इसके लिए कुछ करना चाहिए। लेकिन कोई ढंग का विचार नहीं सूझ रहा था, न ही मेरे पास टीम थी। एक दिन मैंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में देखा कि एक संगठन बंगलूरू में बेहतर तरीके से सार्वजनिक जगहों की सफाई करता है। मुझे लगा कि कम लोगों के साथ भी इसकी शुरुआत की जा सकती है। मैंने पांच लोगों को सफाई में साथ देने के लिए तैयार कर लिया। सफाई के दिन (रविवार) के साथ ही स्थान का चयन टीम की राय से किया गया, और हम सफाई अभियान चलाने लगे।

‘आईक्लीन भोपाल’ से शुरू किया अभियान

सफाई अभियान को हमने ‘आईक्लीन भोपाल’ नाम दिया। टीम के सदस्य सुबह छह से दस बजे तक सफाई करते हैं। सफाई के बाद हम दीवारों को रंगते भी है। वहां कुछ कलाकृतियां या डिजाइन बना देते हैं, ताकि लोग उसे उपेक्षित न समझें। हमारे साथ अब करीब दो सौ स्वयंसेवक जुड़ चुके हैं। हमने शहर के दर्जनों स्थानों की सफाई कर उन्हें चमकाया है।

चुनौतियां आईं

हमने जब यह अभियान शुरु किया, तो कुछ लोगों ने रोष प्रकट किया, क्योंकि वे लोग कचरा फैलाते थे। लेकिन हम डटे रहे, तो वे पीछे हटे। साथ ही अभियान की सफलता के बाद नगर निगम ने हमारा साथ देना शुरू किया। सार्वजनिक दीवारों को गंदा करने वालों पर अब वह जुर्माना लगा रहा है।

आपसी आर्थिक सहयोग

स्वयंसेवक और टीम आपस में बातचीत कर ऐसी जगह का चुनाव करते हैं, जहां सफाई की जरूरत होती है। इसके बाद पेंट, ब्रश जैसे संसाधन इकट्ठे किए जाते हैं। अभियान पर होने वाले खर्च की भरपाई के लिए हम आपस में रुपये एकत्रित कर लेते हैं। हमारे अभियान की वजह से शहर के कई स्थल, जहां पहले गंदगी दिखती थी, अब कलाकृतियों से सजे हैं।