राजस्थान कैडर की आईएएस आरती डोगरा का कद सामान्य युवतियों की तुलना में काफी कम है। लेकिन अपने बुलंद हौसले और अडिग इरादों के कारण आरती का नाम देश के अच्छे आईएएस अफसरों में लिया जाता है
नई दिल्ली। इरादे अगर ऊंचे हैं, तो शारीरिक विषमता भी उन इरादों को पूरा करने में बाधा नहीं बनती। राजस्थान कैडर की आईएएस अधिकारी आरती डोगरा इस बात को चरितार्थ करती हैं। आरती का कद सामान्य युवतियों के मुकाबले आधा है, लेकिन अपने कद और सामाजिक तानों को दरकिनार कर आरती ने दिखा दिया कि सपने बड़े हों, तो कोई परेशानी उन्हें पूरा करने से नहीं रोक सकती। आरती का कद साढे़ तीन फुट का है लेकिन उन्होंने समाज में बदलाव के लिए कई मॉडल पेश किए है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी खूब पसंद आए है।
देहरादून में पली-बढ़ी आरती
आरती इस समय अजमेर की जिलाधिकारी हैं। उनके पास पहले डिस्कॉम की मैनेजिंग डायरेक्टर का पद था। देहरादून में कर्नल राजेंद्र डोगरा और कुमकुम डोगरा की इकलौती संतान आरती ने जब होश संभाला तो उन्होंने महसूस किया कि वह सामान्य नहीं हैं। लेकिन माता-पिता के हौंसले के कारण आरती ने कभी हार नहीं मानी। उनके माता-पिता ने आरती का एडमिशन सामान्य बच्चों के स्कूल में कराया। आरती की मां एक प्राइवेट सकूल में प्रधानाध्यापिका थीं। देहरादून के ब्राइटलैंड स्कूल में पढ़ाई के दौरान बच्चे उन्हें चिढ़ाते, ताना मारते, लेकिन आरती उस ओर ध्यान नहीं देतीं। आरती ने देहरादून से अपनी बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद दिल्ली का रुख किया। दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद वो दोबारा देहरादून लौंटी और पोस्ट ग्रेजुएशन किया साथ ही सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। आरती की मेहनत का ही परिणाम था कि पहले ही प्रयास में उन्होंने परीक्षा पास कर ली। आरती की इस सफलता के पीछे बड़ा हाथ आइएएस मनीषा पंवार का था। स्कूल में पढ़ाई के दौरान मनीषा से मुलाकात के बाद ही आरती ने ठान लिया था कि वो आईएएस ही बनेगी।
आरती ने की ये नई पहल
आरती ने बीकानेर में 'बंको बिकाणो' अभियान की शुरुआत की। उन्होंने लोगों को शौच मुक्त करने के लिए प्रेरित किया। गांव में पक्के शौचालय बनवाए। जिसकी मॉनीटरिंग मोबाइल साफ्टवेयर से की जाती है। यह अभियान 195 ग्राम पंचायतों तक सफलतापूर्वक चलाया गया। इसके बाद बंको बिकाणो की आस पास के जिलों में भी इसे अपनाया गया। साथ ही बता दें कि आरती डोगरा को राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कई पुरस्कार मिले हुए है। बीकानेर में आरती ने कई अनाथ बच्चों की सहायता भी की है। आरती को राजस्थान चुनाव में श्रेष्ठ कार्य करने के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.