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85 साल की उम्र में शांताबाई ने घुमाई लाठी, सब देखते ही रह गए

Published - Tue 28, Jul 2020

शांताबाई के परिवार में वे अनाथ बच्चे भी शामिल हैं जिनका वे पालन-पोषण करती हैं। इन सबके लिए अपने हुनर से रोटी का प्रबंध कर रही हैं। उनके सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं, जिसमें वे शहर की सड़कों पर अपने लाठी से लड़ने का कौशल दिखा रही हैं।

shantabai pawar

अपने पेट की खातिर इंसान क्या-क्या नहीं करता और जब सवाल हो अपने से जुड़े लोगों का भी पेट पालने का तो ऐसे में वह उम्र को भी दरकिनार कर देता है। महाराष्ट्र के पुणे की शांताबाई के साथ भी कुछ ऐसा ही है। लॉकडाउन में उनको कोई काम नहीं मिल रहा। ऊपर भी 85 साल की उम्र, लेकिन पेट है कि मानता नहीं, उसे तो रोटी चाहिए ही, साथ ही शांताबाई के साथ और भी पेट जुड़े हैं। पर शांताबाई ने हार नहीं मानी और लॉकडाउन में भी वह निकल पड़ीं लाठी से लड़ने का कौशल दिखाकर पैसा कमाने के लिए।
 
वीडियो हो रहा वायरल

शांताबाई के परिवार में वे अनाथ बच्चे भी शामिल हैं जिनका वे पालन-पोषण करती हैं। इन सबके लिए अपने हुनर से रोटी का प्रबंध कर रही हैं। उनके सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो खूब वायरल हो रहे हैं, जिसमें वे शहर की सड़कों पर अपने लाठी से लड़ने का कौशल दिखा रही हैं। इस उम्र में उनके जज्बे और जोश को सभी सलाम कर रहे हैं और वीडियो को आगे शेयर भी कर रहे हैं।
 
मदद को आगे आए लोग
वीडियो वायरल होने के बाद चारों तरफ से शांताबाई की लोग मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं। कई लोगों ने उन्हें राशन और वित्तीय सहायता दी है। शांताबाई का यह वीडियो महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख तक भी पहुंचा गया। वीडियो देखने के बाद देशमुख ने महिला को साड़ी और 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी की। शांताबाई से मिलने पहुंचे अनिल देशमुख को उन्होंने कुछ करतब करके भी दिखाए। जिसकी उन्होंने तारीफ की। 

शांताबाई के साथ सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग स्कूल खोलना चाहते हैं सोनू सूद
सोनू सूद ने भी जब शांताबाई का वीडियो देखा तो मदद को आगे आए। उन्होंने ट्विट करते हुए कहा कि वह उनके साथ एक सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग स्कूल खोलना चाहते हैं। सोनू ने लिखा, 'क्या मुझे उनकी जानकारी मिल सकती है। उनके साथ एक छोटा सा प्रशिक्षण स्कूल खोलना चाहता हूं, जहां वह हमारे देश की महिलाओं को कुछ आत्मरक्षा तकनीकों का प्रशिक्षण दे सकें।'

एक्टर रितेश ने दिया नाम ‘योद्धा आजी’
बॉलीवुड के फिल्म अभिनेता रितेश देशमुख ने भी उनका वीडियो देखा और उन्होंने सोशल मी‌डिया पर उन्हें नया नाम दिया- ‘योद्धा आजी’ यानी ‘योद्धा दादी’। रितेश  ने उनसे संपर्क किया और उनकी मदद को आगे आए।
 
8 साल से दिखा रहीं लाठी का हुनर
शांताबाई पवार बताती हैं- मैंने 8 साल की उम्र से लाठी चलाने का कौशल सीखना शुरू कर दिया था और इसे प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न स्थानों की यात्रा की, लेकिन लॉकडाउन के चलते सब कुछ रुक गया। दुकानदारों ने मुझे किराना सामान देना बंद कर दिया। मैं बड़ी मुश्किल में आ गई कि कैसे एक बड़े परिवार में सबका पेट भरूं। भूख से तड़पते छोटे बच्चों की हालत देख नहीं पाई तो मैंने सड़कों पर अपने कौशल को प्रदर्शित करने का फैसला किया ताकि देखने वाले लोग मुझे पैसे दे सकें। अब इस वीडियो से उन्हें काफी मदद मिली है और लोग उनकी पैसे और राशन से मदद कर रहे हैं।