शालिनी कहती हैं कि जब मैं मां बनी, तो मैंने देखा कि बाजार में बेबी फूड के नाम पर प्रिजरवेटिव से भरे हुए विकल्प ही उपलब्ध थे। तभी मैंने स्वस्थ और सुरक्षित बेबीफूड तैयार करने का फैसला किया।
सात वर्षों तक कॉरपोरेट सेक्टर में काम करने के बाद शालिनी संतोष कुमार जब 2014 में मां बनी, तो मेरी दुनिया ही बदल गई। जब बेटे का जन्म हुआ तो कुछ ही समय बाद उन्हें चिंता सताने लगी कि जब मैं नौकरी जॉइन करूंगी तो बेटे का पालन-पोषण कैसे होगा। ऑफिस जाने के दौरान यह सुनिश्चित करना मुश्किल हो जाएगा कि बेटे को सही पोषण मिल रहा है या नहीं। इसलिए शालिनी ने सबसे पहले देखा कि बाजारों में क्या विकल्प उपलब्ध हैं। पर यह देखकर शालिनी हैरान रह गई कि बाजार में बच्चों के लिए बहुत ही कम स्वस्थ और सुरक्षित खाद्य विकल्प मौजूद हैं। बाजार में बेबी फूड के नाम पर प्रिजरवेटिव से भरे हुए विकल्प ही थे। तभी उन्होंने स्वस्थ और सुरक्षित बेबीफूड तैयार करने का फैसला किया। बाद में उन्होंने गर्भवती महिलाओं के लिए भी पोषक खाद्य विकल्प तैयार किए, ताकि उन्हें सही पोषण मिल सके। वह कहती हैं कि ऑर्गेनिक और स्वस्थ खाने के प्रति समझ बनाने में उनकी मां ने काफी मदद की। उन्होंने न सिर्फ रेसिपी तैयार करने में मदद की, बल्कि अर्ली फूड के ऑपरेशंस में भी हाथ बंटाया। घर के ग्राउंड फ्लोर को एक यूनिट में बदल दिया और दो पल्वराईजर खरीदे। सैंपल तैयार करने के लिए दो महिलाओं को काम पर रखा और इस तरह शुरू हो गया शालिनी संतोष कुमार का नया बिजनेस। फिलहाल उनके यहां 23 ग्रामीण महिलाओं को काम करती हैं। उन्हें उम्मीद है कि आगे चलकर उनका विजनेस बढ़ेगा तब वह और अधिक महिलाओं को रोजगार दे पाएंगी।
ऐसे हुई शुरुआत
शालिनी ने साल 2015 में एक लाख रुपये की पूंजी से अपने मायके में ही बच्चों के लिए ऑर्गेनिक फूड बिजनेस का स्टार्टअप-अर्ली फूड की शुरुआत की। इसके तहत उन्होंने अलग-अलग किस्म के अनाज और सूखे मेवे को मिलाकर पांच तरह के दलिया मिक्स तैयार किए और मित्रों-परिचितों के बीच बेचना शारू किया।
कैसे बना बाजार
शालिनी कहती हैं कि बाजार में जगह बनाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों की सलाह से जरूरी पोषक तत्वों और जैविक खेती करने वाले किसानों से अनाज लेकर उसका इस्तेमाल किया। पांच तरह के दलिया मिक्स से शुरू करके आज मैं पच्चीस तरह के उत्पाद बेच रही हूं। पहले महीने में 40 ऑर्डर मिले थे, पर आज हर महीने 30 हजार ऑर्डर मिलते हैं।
आगे की योजना
शालिनी जल्द ही 10 और अलग प्रोडक्ट्स लॉन्च करने की योजना बना रही हैं। ये प्रोडक्ट भी सुपरग्रेन्स से ही बने होंगे। उनका कहना है कि एक स्वस्थ खुराक के बारे में जागरूकता पर हमने हमेशा फोकस किया है। बाजरा जैसे पारंपरिक अनाज स्वास्थ्य को बहुत अच्छा रखते हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.