गाजियाबाद की एक महिला होमगार्ड के ने न केवल मुसीबत के समय हिम्मत से काम लिया, बल्कि अपने साथ पंद्रह लोगों का जीवन भी बचाया। यह महिला होमगार्ड गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में कार्यरत्त हैं।
गाजियाबाद। अगर हिम्मत और संयम से कुछ काम किया जाए, तो कोई भी परेशानी आपके लक्ष्य के आगे नहीं आती। कुछ ऐसा ही है गाजियाबाद की एक महिला होमगार्ड के साथ। उन्होंने न केवल मुसीबत के समय हिम्मत से काम लिया, बल्कि अपने साथ पंद्रह लोगों का जीवन भी बचाया। यह महिला होमगार्ड गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में कार्यरत्त हैं।
मंजू उपाध्याय रोजाना की तरह अपनी ड्यूटी पर पहुंची थीं। 9 सिंतबर को जीडीए का दस्ता प्रताप विहार में बने एक अवैध निर्माण को ढहाने के लिए निकला। गाड़ी में जीडीए के पंद्रह कर्मचारियों के साथ होमगार्ड मंजू उपाध्याय भी थीं। गाड़ी जब अकबरपुर-बहरामपुर पर पहुंची, तो गाड़ी चला रहे ड्राइवर ऋषिपाल को दिल का दौरा पड़ गया। दिल का दौरा पड़ते ही ऋषिपाल स्टेरिंग पर ही गिर पड़े और बेसुध हो गए। गाड़ी अनियंत्रित हो गई।
सभी घबरा गए, पर मंजू ने हिम्मत से काम लिया
गाड़ी को अनियंत्रित देख सभी को लगा कि अब दुर्घटना होना तय है। अनियंत्रित गाड़ी ने सड़क पर दौड़ रही थी और सड़क पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ था। कई बार गाड़ी अन्य वाहनों से टकराने से बची। इसी बीच चालक ऋषिपाल की बगल वाली सीट पर बैठी शास्त्रीनगर एच ब्लाक निवासी होमगार्ड मंजू उपाध्याय ने हिम्मत देखते हुए स्टेयरिंग संभाला और ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोका। गाड़ी रूकते ही सभी कर्मचारी नीचे उतरकर ऋषिपाल के पास पहुंचे ऋषिपाल को अचेत हालत में कर्मचारी उपचार के लिए नेहरू नगर के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना में ऋषिपाल की मौत हो जाना दुखद तो है ही, लेकिन इसका सुखद पहलू ये था कि महिला होमगार्ड मंजू ने अपनी सूझबूझ से गाड़ी में सवार पंद्रह और लोगों का जीवन बचा लिया।
'अब कुछ नहीं किया तो चली जाएगी सभी की जान'
हर कोई उनके प्रयास कि तारीफ कर रहा है। मंजू का कहना है कि गाड़ी ने पूरा नियंत्रण खो दिया था। इससे गाड़ी पलट सकती थी। उसे लगा कि यदि अब कुछ नहीं किया गया तो कई कर्मचारियों की जान चली जाएगी। इतना सोचते ही हिम्मत आ गई और तुरंत स्टेयरिंग संभाल लिया। ब्रेक लगने के बाद राहत की सांस ली।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.