पीड़िता का आरोप है कि आरोपी हाईकोर्ट के जज के रिश्तेदार हैं और इसी के कारण हाईकोर्ट के जज और सीनियर वकीलों ने ट्रायल कोर्ट पर दबाव बनाया जिसके चलते सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया। आदेश के खिलाफ याचिका हाईकोर्ट में लंबित है लेकिन जज उसकी याचिका को गंभीरता से नहीं ले रहे और उसे धमकाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने कहा था कि चाहे जज धमकाए या वकील। थाने जाकर एफआईआर दर्ज करवाने का विकल्प मौजूद है।
चंडीगढ़। मुक्तसर साहिब कोर्ट द्वारा दुष्कर्म के आरोपियों को बरी करने के खिलाफ पीड़िता की अपील पर सुनवाई के दौरान एक महिला का दर्द छलक उठा। महिला की कानूनी जानकारी देख पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या आपने लॉ की पढ़ाई की है? इस पर उसने कहा कि दस साल से इंसाफ के लिए अदालतों के चक्कर लगाते-लगाते लॉ सीख गई हूं।
मामला दुष्कर्म से जुड़ी तीन याचिकाओं से संबंधित है। मुक्तसर साहिब कोर्ट के जज ने महिला पर कोर्ट की कार्रवाई में दखल का आरोप लगाते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में शिकायत भेजी थी। उस मामले का संज्ञान ले हाईकोर्ट ने महिला के खिलाफ अवमानना के तहत सुनवाई आरंभ कर दी। दूसरी अवमानना याचिका एक आरोपी ने दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि महिला न्यायपालिका और जजों के खिलाफ टिप्पणी करती है। तीसरी याचिका महिला द्वारा दाखिल की गई है जिसमें उसने आरोपियों को बरी किए जाने के आदेश को चुनौती दी गई है।
मंगलवार को इस महिला ने जनहित याचिका दाखिल करते हुए जजों और सीनियर वकीलों पर आरोप लगाए थे। इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा था कि वे प्रशासनिक स्तर पर उसकी मदद का प्रयास करेंगे। इसी के तहत जब मामला सुनवाई के लिए अन्य बेंच के पास पहुंचा तो उन्होंने करीब डेढ़ घंटे सुनवाई करते हुए तीनों केस अलग-अलग कर दिए ताकि मामले का जल्द निपटारा हो सके।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि अभी तक इस मामले में आरोपियों को नोटिस जारी नहीं किए गए हैं। इस पर हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई पर जवाब दाखिल करने के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, चीफ जस्टिस के सामने पहुंची जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने आधारहीन मानते हुए इसे खारिज कर दिया है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.