आईआईटी, गुवाहाटी में बतौर प्रोफेसर कार्यरत चारू मोंगा विभिन्न क्षेत्रों में काम करती हैं। एक बार कार्यशाला के दौरान उन्होंने दुर्गम इलाके के बच्चों की परेशानी देखी। इसके बाद उन्होंने एलईडी वाला बैग बनाया। जिससे बच्चे अब आसानी से पढ़ भी सकते हैं और घर जाते वक्त रास्ता भी देख सकते हैं। यह बच्चों के लिए एक मशाल या यूं कहिए कि एक टॉर्च का काम करता है।
नई दिल्ली। चारू मोंगा पूर्वोत्तर के असम से ताल्लुक रखती हैं और आईआईटी, गुवाहाटी में बतौर प्रोफेसर कार्यरत हैं। वह नवाचारों को लेकर उत्साहित रहती हैं। एक बार दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में बिजली की समस्या महसूस करने बाद उन्होंने बच्चों के लिए एक ऐसा स्कूल बैग तैयार किया, जिसमें सोलर पैनल और एलईडी लाइट लगी हुई है। बतौर चारू, मेरा अध्यापन क्षेत्र डिजाइन और विजुअल कम्यूनिकेशन से जुड़ा हुआ है, इसलिए मैं कई तरह के प्रयोग और नवाचार के बारे में जानकारी इकट्ठा करती हूं और इन्हें खुद भी आजमाती हूं। वर्ष 2014 में मैं पूर्वोत्तर के एक गांव में छात्रों के बीच एक कार्यशाला कर रही थी। उसी दौरान बच्चों ने मुझे बताया कि सूर्यास्त होने से पहले उन्हें घर लौटना होता है। अंधेरा होने पर वह पढ़ाई भी नहीं कर पाते हैं। तब मुझे एक विचार सूझा कि क्यों न एक ऐसा स्कूल बैग तैयार किया जाए, जिसमें किताबों, स्टेशनरी रखने के अलावा रोशनी देने का भी विकल्प हो, इसलिए मैंने बैग के ऊपर एक छोटा-सा पॉकेट बनाया। इसमें गोलाकार एलईडी लाइट लगाई, जो कि सौर पैनल से चार्ज होकर रात के समय रोशनी करती है। मैंने इसका नाम जुगनू रखा। पॉकेट को इतना मजबूत बनाया गया कि आसानी से खुले नहीं। यह बैग भी हमने प्लास्टिक के रिसाइकल से तैयार किए, जो जलरोधी भी होते हैं।
बच्चों की मदद करता है यह बैग
मैंने पांच सौ से अधिक ऐसे स्कूल बैग तैयार करवाए, जिनमें सोलर पैनल और एलईडी लाइट लगी हुई हैं। इसके बाद इन्हें दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में बसे गांवों में स्कूल जाने वाले बच्चों में बंटवाए हैं। यह बैग न सिर्फ पढ़ाई के लिए पर्याप्त रोशनी देता है, बल्कि यात्रा के समय ऊंची-नीची सड़कों व ढलान पर बच्चों को संभलकर चलने में भी मदद करता है।
सुरक्षा बजर भी लगाया है
पहाड़ियों में बच्चे हर दिन स्कूल जाने के लिए दो-पांच किलोमीटर की सबसे खतरनाक यात्रा करते हैं। ऐसे में सौर-संचालित स्कूल बैग एक मशाल के रूप में कार्य करता है। जब बच्चे स्कूल जाते हैं, तो सोलर पैनल चार्ज करता है। हमने एक बैग में एक सुरक्षा बजर भी लगाया है, जिसका बच्चे आपात स्थिति में उपयोग कर सकते हैं।
इनोवेशन हब भी बनाया
मैं आईआईटी के आसपास के क्षेत्र में स्कूल बच्चों के भीतर नवाचार की मानसिकता विकसित करने के उद्देश्य से कार्यशालाओं का आयोजन करती हूं। मेरा मानना है कि हर बच्चे को मानवता के लिए अपना योगदान देने का अवसर दिया जाना चाहिए। अपने एक सहयोगी के साथ मिलकर मैंने इनोवेशन हब भी बनाया है, जहां स्थानीय युवा आकर नवाचारों के बारे में सीखते हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.