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वुहान के सच पर चीनी लेखिका फेंग फांग ने लिखी डायरी, अब मिल रही मारने की धमकी

Published - Fri 01, May 2020

जब वुहान में कोरोना, काल बनकर मंडरा रहा था, तब चीनी लेखिका फेंग फांग डायरी में वुहान का सारा सच लिखा करती थीं। उनका यह सच सामने आते ही उन्हें जान से मारने की धमकी मिलने लगी है। इस डायरी में उन्होंने वुहान में मौत के खौफनाक मंजर से लेकर मातम और परेशानियों को बखूबी तरीके से लिखा है।

चीनी लेखिका फेंग फांग

नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी का केंद्र बनकर उभरे चीनी शहर वुहान को संक्रमणमुक्त करने के लिए जनवरी में सील कर दिया गया था। दुनिया से अलग कर दिए जाने के बाद, चीनी लेखिका फेंग फांग ने अपने गृह नगर में कोरोना वायरस त्रासदी के बारे में एक ऑनलाइन डायरी लिखना शुरू किया। इस डायरी में उन्होंने वुहान शहर में मंडराते इस खतरे के बारे में बखूबी लिखा है।  उन्होंने इस डायरी में वुहान में मौत के खौफनाक मंजर से लेकर मातम, यातना तक की सारी दास्तां को लिखा है। 

हो रही आलोचना

उनकी इस डायरी ने लाखों पाठकों का ध्यान आकर्षित किया और इसका विदेशों में कई भाषाओं में प्रकाशन भी होने वाला है। शुरू में चीनियों ने इसे काफी पंसद किया, मगर अब उन्हें इस डायरी के लिए अपने ही देश में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। 

चीन के सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार से हो चुकी हैं सम्मानित

64 वर्षीय लेखिका फेंग फांग को 2010 में चीन के सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आलोचकों का कहना है कि इस डायरी में वह उन देशों के साथ खड़ी नजर आ रही हैं, जिन्होंने महामारी से निपटने को लेकर चीन की आलोचना की है। अपने देश की आलोचना करना ठीक नहीं। 

वुहान में मौत के मंजर को शब्दों में उकेरा

फेंग ने वुहान शहर के जनजीवन और हालात पर लिखना शुरू किया। दिसम्बर में कोरोना वायरस का मामला सामने आने के बाद वुहान में 23 जनवरी से लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। अधिकारी देश भर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने लिए लगे हुए थे। इस दौरान वुहान शहर के लोगों के डर, गुस्से और उम्मीद के बारे में फेंग फांग ने डायरी में अपने शब्दों में लिखा है। इसमें लेखिका ने बताया कि कैसे वुहान शहर के लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे थे। उन्होंने साथ ही अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़, मरीजों को वापस लौटाना, मास्क की कमी, लोगों की मौत, कई तरह की समस्याओं जैसे कई संवेदनशील मुद्दों पर अपने विचार रखे हैं। 

हालात जानने के बावजूद, किसी ने आगाह नहीं किया

डायरी में एक जगह पर उन्होंने लिखा है 'मेरे एक डॉक्टर मित्र ने मुझे बताया, यहां तक कि हम डॉक्टर भी यह जान गए कि इस बीमारी का मानव से मानव में संक्रमण हो रहा है। हमने अपने वरिष्ठों को भी यह बताया लेकिन किसी ने भी लोगों को आगाह नहीं किया।' हालात जानने के बाद भी लोगों को धोखे में रखा गया। 

सच लिखने पर मिल रही जान से मारने की धमकी

एक बुद्धिजीवी परिवार में जन्मीं लेखिका का वास्तविक नाम वांग फांग है लेकिन वह फेंग फांग नाम से लिखती हैं। कुछ लोगों ने फेंग फांग की बेबाक लेखनी के लिए सराहना की है, कुछ ने अपने देश को सवालों के दायरे में लाने के लिए उनकी आलोचना की है तो कुछ ने उन पर हालात का फायदा उठा कर धन कमाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। फेंग फांग ने चीनी साप्ताहिक काइक्शिन की वेबसाईट को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं।