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कोरोना से जंग जीतकर घर पहुंची महिला, मोहल्लेवालों ने घुसने नहीं दिया

Published - Thu 14, May 2020

कोरोना से जंग जीतकर अस्पताल से घर जाने पर अब डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी तालियां बजाकर मरीजों का अभिनंदन कर उन्हें घर भेज रहे हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अब भी दुव्र्यवहार करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

सांकेतिक फोटो

नई दिल्ली। बिहार के दरभंगा में एक महिला कोरोना को मात देकर अपने घर पहुंची तो मोहल्ले वालों ने उसे घुसने नहीं दिया। जिस एंबुलेंस से महिला अपने घर गई थी, उसी एंबुलेंस से उसे वापस लौटना पड़ा। जिलाधिकारी ने कठोर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। 

पति-पत्नी दोनों थे पॉजिटिव

दरअसल, लॉकडाउन के दौरान महिला अपने पति का इलाज दिल्ली से कराकर दरभंगा लौटी थी। मोहल्ले के लोगों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी थी। इसके बाद महिला और उसके पति को क्वारंटीन किया गया था और दोनों की कोरोना जांच की गई थी। दोनों पति-पत्नी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। हालांकि, उनका 5 साल का बच्चा निगेटिव निकला था।

मोहल्ले वालों ने शुरू कर दिया था तिरस्कार, बच्चे को रखा था गुप्त स्थान पर

पति-पत्नी को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। तभी से मोहल्ले के लोगों ने इस परिवार का तिरस्कार शुरू कर दिया था। उनके बच्चे को भी मोहल्ले के लोगों ने नहीं रहने दिया। उसे अपने घर में ही रखने पर भी लोगों ने आपत्ति जताई थी। तब कुछ बुद्धिजीवी लोगों की मदद से बच्चे को एक गुप्त स्थान पर रखा गया था।

स्वस्थ होकर लौटने पर दुत्कार कर वापस भेजा

जब महिला कोरोना को हराकर बिल्कुल स्वस्थ होकर घर लौटी तो ताली बजाकर उसका स्वागत करने के बदले मोहल्ले वालों ने उसे दुत्कार कर वापस भेज दिया।  इसके बाद जिलाधिकारी त्याग रंजन ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सभी दोषी मोहल्ले के लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, महिला क्वारंटीन सेंटर में है और बच्चा गुप्त स्थान पर। वहीं पति अभी भी कोरोना पीड़ित ही है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।