कोरोना के खिलाफ जारी जंग में मंत्रियों के परिजन भी पीछे नहीं हैं। केंद्र सरकार में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की पत्नी नौनन्द कंवर भी कोरोना को हराने और गरीबों को इस महामारी से बचाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं। वह गरीबों की मदद के लिए घर पर ही रहकर मॉस्क बनाने में जुटी हैं। वह कहती हैं ऐसा करके वह संकट की इस घड़ी में अपना योगदान देना चाहती हैं।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग को जीतने के लिए देश का हर तबका अपनी ओर से कुछ न कुछ योगदान दे रहा है। डॉक्टर जहां दिन-रात मरीजों के इलाज में जुटे हैं, तो वहीं पुलिसकर्मी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लॉ एंड आर्डर को मेनटेन करने में लगे हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के साथ आम लोग भी सरकार के निर्देशों का पालन कर और पीएम केयर्स फंड में अपना योगदान देकर देश को सबल बनाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। जनप्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र के लोगों को जागरूक करने की भरसक कोशिश में जुटे हैं। कोरोना के खिलाफ जारी जंग में मंत्रियों के परिजन भी पीछे नहीं हैं। केंद्र सरकार में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की पत्नी नौनन्द कंवर भी कोरोना को हराने और गरीबों को इस महामारी से बचाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रही हैं। वह गरीबों की मदद के लिए घर पर ही रहकर मॉस्क बनाने में जुटी हैं। वह कहती हैं ऐसा करके वह संकट की इस घड़ी में अपना योगदान देना चाहती हैं।
बेटियां भी कर रही सहयोग
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की पत्नी नौनन्द कंवर की इस पहल का साथ उनका पूरा परिवार दे रहा है। नौनन्द कंवर की बेटियां भी इसमें उनका भरपूर सहयोग कर रही हैं। बेटियां मॉस्क को बनाने में तो मदद करती ही हैं, साथ ही उन्हें सैनिटाइज करके पैकिंग तक में भी मां का हाथ बंटाती हैं। इस बारे में नौनन्द बताती हैं कि उन्हें मॉस्क बनाने की प्रेरणा चेक गणराज्य का एक वीडियो देखकर मिली। इस वीडियो में कहा गया था कि मास्क का इस्तेमाल कर लोगों ने इस देश मे कोरोना को फैलने से रोका। इस मामले में इटली, अमेरिका और जर्मनी ने लापरवाही बरती, जिस कारण वहां की भयावह स्थिति आज किसी से छिपी नहीं है।
रोजाना बना लेती हैं 50 से 70 मॉस्क
नौनन्द कंवर बताती हैं कि जब यह महामारी फैली तो अचानक से बाजार में मॉस्क और सैनिटाइजर की डिमांड बढ़ गई। जिस कारण इनकी कालाबाजारी होने लगी और कीमतें एकदम से बढ़ गईं। ऐसे में गरीबों के लिए मॉस्क खरीद पाना मुश्किल था। जबकि कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए यह बहुत ही उपयोगी है। इसी सोच के चलते मैंने मॉस्क बनाने की सोची और लग गई काम पर। उन्होंने बताया वह रोजाना जितने भी मॉस्क बनाती हैं, उसे गरीबों में बांट देती हैं। इसकी निगरानी भी वह खुद ही करती हैं। नौनन्द कंवर के मुताबिक वह हर रोज तकरीबन 50 से 70 मॉस्क बना लेती हैं। इस काम में घर के दूसरे सदस्यों के अलावा उनके बेटे और बेटियां भी उनकी मदद करती हैं।
पति लोगों को जागरूक करने और और राहत कार्य में जुटे
नौनन्द कंवर के मुताबिक एक तरफ जहां उनके पति केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत दिनभर अपने क्षेत्र में इस बीमारी की रोकथाम के लिए मॉनिटरिंग करते हैं। राहत सामग्री बांटने के काम में लोगों की मदद करते हैं। वह खुद भी लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं। ऐसे में नौनन्द कंवर घर में मॉस्क बनाकर और उसे बंटवाकर कहीं न कहीं पति के प्रयास को सार्थक करने का प्रयास भी कर रही हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.