विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद हर कोई आराम करना चाहता है लेकिन पंजाब के रूपनगर की सिमरनजीत कौर (63 साल) ने रिटायरमेंट के तीन साल फिर लॉकडाउन में यातायात की कमान संभाल ली है।
नई दिल्ली। कोरोना से जंग के लिए वह मैदान में उतरी हैं। वह पुलिस नाके पर वह सिविल ड्रेस में रोजाना ठीक दो बजे ड्यूटी पर पहुंच जाती हैं। ड्यूटी के साथ ही वह जागरूकता का संदेश भी दे रही हैं। वह हर आने-जाने वालों से न सिर्फ बाहर निकलने की वजह पूछती हैं बल्कि कोरोना की गंभीरता को बता घर पर रहने के लिए सचेत भी करती हैं। पंजाब पुलिस का आदर्श वाक्य शुभ करमन ते कबहूं न टरों... को जीवन में आत्मसात कर चुकीं इंस्पेक्टर सिमरजीत कौर के लिए रिटायरमेंट के तीन साल बाद भी सेवा ही परम धर्म है।
बुजुर्गों को दी गई है खास ध्यान रखने की सलाह
बेशक प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना से बचाव के लिए लोगों से बुजुर्गों का खास ख्याल रखने को कहा है, बावजूद इसके 63 वर्षीय सिमरजीत ने राष्ट्र धर्म की नजीर पेश की है। वह जिले में पहली महिला ट्रैफिक इंचार्ज के रूप में नंगल में तैनात थीं। रूपनगर व मोहाली में वूमेन सेल की इंचार्ज भी रह चुकी हैं। सिविल सचिवालय को जाने वाले बचत चौक पर वह रोजाना दोपहर दो से रात आठ बजे तक तैनात रहती हैं। वह नाके पर बाहर निकलने वालों को समझाती हैं कि कोरोना महामारी के लिए खुद व परिवार की सुरक्षा के लिए घर पर ही रहें। पुलिस प्रशासन का सहयोग कर कोरोना से जंग जीतने में मदद करें।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.