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कोरोना योद्धाएं : 65 महिलाएं बना रहीं 40 हजार मास्क

Published - Thu 16, Apr 2020

लॉकडाउन में जहां सब कुछ लॉक है। वहीं मिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर खुल गए हैं। समूह की 65 महिलाएं आजकल मास्क बनाने में तेजी से जुटी हुई हैं। इन्हें 40 हजार मास्क तैयार करने हैं। ऐसे में एक महिला एक दिन में 150 मास्क तैयार कर रही है।

नई दिल्ली। लॉकडाउन में जहां बड़े-बडे़ उद्योग बंद हो गए हैं, लोगों का रोजगार छिन गया है। वहीं कन्नौज की 65 महिलाओं को ऐसे संकट काल में रोजगार के साथ कोरोना युद्ध में सहभागिता करने का मौका मिला है। 26 स्वयं सहायता समूह की इन महिलाओं को मास्क बनाने का काम 12 अप्रैल से विकास भवन की ओर से दिया गया है। कुल 40 हजार मास्क बनाने का लक्ष्य सौंपा गया है। छह से सात के ग्रुप में ये महिलाएं घर का काम करने के बाद रोज आठ घंटे मास्क बनाती हैं। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल भी रखती हैं। एक महिला रोज 150 मास्क बना लेती है। एक मास्क बनाने पर एक महिला को चार रुपये मिलते हैं।

विभागों व गांवों में भेजे जाएंगे मास्क

मास्क की किल्लत शहर से लेकर गांव तक है। शहर के मेडिकल स्टोरों में मास्क आसानी से उपलब्ध नहीं है। जो हैं भी उनकी कीमत बहुत अधिक है। ऐसे में ग्रामीणों और कर्मचारियों को सस्ता और अच्छा मास्क ये महिलाएं बनाकर देंगीं। मुख्य विकास अधिकारी प्रेम प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि इन समूह में बने मास्कों को सरकारी विभागों के कर्मचारियों को दिया जाएगा। एक मास्क की कीमत मात्र 20 रुपये है। जो विभागों को बेचे जाएंगे।

गुणवत्ता भी अच्छी है

मास्क बनाने के लिए इन महिलाओं को विकास भवन से अच्छी क्वालिटी का कपड़ा उपलब्ध कराया गया है। जो कपड़ा पर्यावरण के अनुकूल है। तीन से चार घंटे उपयोग करने के बाद एंटीसेप्टिक युक्त पानी से धोने के बाद सुखाकर फिर से उपयोग किया जा सकता है। 

इन ब्लॉकों की हैं महिलाएं 

कन्नौज ब्लाक के बेहरिन, रजमईमऊ राजा, फगुहा, नथापुर्वा, तेरारब्बू, जलालाबाद ब्लाक के जलालाबाद, अनौगी, पवपुखरा व उमर्दा ब्लाक के सुर्सी, अजोरा, अगौस व जैनपुर आदि की महिलाएं समूह में मास्क तैयार कर रही हैं। इन महिलाओं के अनुसार लॉकडाउन के कारण उनके पति या घरवाले भी काम पर नहीं जा पा रहे हैं, ऐसे वह भी इसे तैयार करने में पूरी मदद कर रहे हैं।