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अपराधियों से लेकर नेता तक पर कार्रवाई से नहीं हिचकतीं आईपीएस डी. रूपा

Published - Fri 01, Jan 2021

कई तेज तर्रार पुलिस अफसरों को आपने सत्ता के दबाव में बिखरते देखा होगा। सियासी रसूख के दबाव में नहीं आने वाले अफसरों का तबादला कई बार ऐसी जगह कर दिया जाता है, जहां उनके लायक कोई काम नहीं होता। लेकिन ये पुलिस अफसर जहां भी रहते हैं अपने काम की वजह से छाप जरूर छोड़ते हैं। ऐसी ही एक पुलिस अफसर हैं कर्नाटक कैडर की आईपीएस डी. रूपा मोदगिल। अपराधियों में तो इनका खौफ है ही, सियासी गलियारे में खास पकड़ रखने वाले भी इनसे घबराते हैं। इस कारण ये अक्सर विवादों में भी रहती हैं। आइए जानते हैं इस निडर महिला पुलिस अफसर के बारे में जिसे आईपीएस होने के बावजूद कर्नाटक की प्रमुख सचिव गृह बनने का गौरव मिला है। कर्नाटक में किसी आईपीएस को यह पद पहली बार दिया गया है।

नई दिल्ली। डी. रूपा मोदगिल कर्नाटक कैडर की 2000 बैच की आईपीएस अफसर हैं। उन्होंने यूपीएससी एग्जाम में 43वीं रैंक हासिल की थी। इस रैंक की वजह से वह चाहती तो आईएएस बन सकती थीं, लेकिन उन्होंने आईपीएस बनना ही तय किया। वह बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार थीं। रूपा का बचपन कर्नाटक के दावनगेरे शहर में बीता। इनके पिता बचपन से ही बेटी को पुलिस अफसर बनाना चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने आईएएस बनने की बजाए आईपीएस बनना तय किया। रूपा के पति मुनीश मोदगिल भी कर्नाटक कैडर के आईएएस अफसर हैं। आईपीएस डी. रूपा सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहती हैं। उन्हें 2016 में प्रेसिडेंट पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। नेशनल पुलिस अकादमी में रहते हुए भी उन्होंने कई अवॉर्ड अपने नाम किए हैं।

पहले ही प्रयास में हासिल की सफलता

कर्नाटक में मास्टर्स की डिग्री लेने के बाद आईपीएस डी. रूपा ने जेआरएफ परीक्षा पास की। साथ ही पिता का सपना पूरा करने के लिए सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गईं। डी. रूपा ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में 43वीं रैंक हासिल कर पिता के सपने में रंग भर दिया। इसके बाद उन्होंने जेआरएफ छोड़ दिया।

शानदार डॉन्स में भी माहिर हैं रूपा

आईपीएस डी. रूपा कला प्रेमी भी हैं। वे एक प्रशिक्षित भरतनाट्यम डॉन्सर हैं। उन्हें क्लासिकल म्यूजिक में भी महारत हासिल है। उन्होंने साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। अपने 18 साल के पुलिस करियर में वे गडग और यादगिर जिले की एसपी रह चुकी हैं। रूपा शार्प शूटर भी हैं।
 
उमा भारती की गिरफ्तारी को लेकर चर्चा में आईं

आईपीएस डी. रूपा पुलिस सेवा में आने के बाद पहली बार 2004 में तब चर्चा में आईं जब वह 1994 के हुबली दंगा मामले में कोर्ट के आदेश पर मध्य प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री उमाभारती को गिरफ्तार करने पहुंच गई थीं। इसे लेकर खूब हो-हल्ला मचा था। इसके बाद भी उनका कई विवादों से नाता रहा, लेकिन उन्होंने अपनी कार्यशैली नहीं बदली।

शशिकला को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने का किया था खुलासा

कर्नाटक की डीआईजी (जेल) रहते हुए डी. रूपा उस समय दूसरी बार चर्चा में आईं जब उन्होंने बेंगलुरू जेल में सजा काट रहीं एआईडीएमके की महासचिव वी. शशिकला को वीआईपी ट्रीटमेंट दिए जाने का खुलासा किया। इस मामले में पुलिस महकमे के आला अफसर ही रूपा से नाराज हो गए। कर्नाटक के डीजीपी एचएन सत्यनारायण राव ने रूपा को कानूनी नोटिस भेजा दिया। रूपा को पद से भी हटा दिया गया। सरकार ने 4 आईपीएस अफसरों के साथ रूपा का ट्रांसफर ऑर्डर जारी कर दिया। ट्रांसफर के बाद रूपा को एएसएन मूर्ति इलाके में आईजी और कमिश्नर ट्रैफिक एंड रोड सेफ्टी के रूप में पदस्थ किया गया। मामला यहीं शांत नहीं हुआ। डीजीपी राव ने रूपा को कानूनी नोटिस भेजते हुए कहा कि 'आप को तीन दिनों के भीतर सभी बड़े समाचार पत्रों में एक माफीनामा प्रकाशित कराना होगा। साथ ही चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करने पर आपके खिलाफ उपयुक्त दीवानी और आपराधिक दोनों कानूनी मामले शुरू करूंगा। यह भी लिखा कि इससे उन्हें जो क्षति पहुंची है उसकी अनुमानित लागत 50 करोड़ रुपए हैं। दरअसल, रूपा ने खुलासे के दौराने पुलिस को भी कठघरे में खड़ा किया था। बाद में यह मामला किसी तरह शांत हुआ, लेकिन डी. रूपा अपने स्टैंड से पीछे नहीं हटीं।

अभिनेत्री कंगना रणौत से टि्वटर वार को लेकर भी बटोरी सुर्खियां

बीते साल दिवाली से पहले कर्नाटक की प्रमुख सचिव आईपीएस डी. रूपा तब फिर सुर्खियों में आ गईं जब ट्विटर पर 'हैसटैग सेम ऑन यू आईपीएस रूपा' (#ShameOnYouIPSRoopa) ट्रेंड करने लगा। इसमें यूजर्स उनकी काफी आलोचना कर रहे हैं। इसके अलावा अभिनेत्री कंगना रणौत ने भी रूपा पर निशाना साधा। दरअसल, ट्विटर पर डी. रूपा और 'ट्रू इंडोलॉजी' (True Indology) के बीच पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लेकर बहस हो गई थी। कुछ देर बाद ट्विटर ने 'ट्रू इंडोलॉजी' के अकाउंट को सस्पेंड कर दिया। यह पेज हिंदू संस्कृति के बारे में जानकारियां साझा करता था। लेकिन रूपा ने इस पेज पर लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया।

 रूपा ने ट्वीट किया, 'काल्पनिक उत्पीड़न पर पीड़ित की तरह रोना। बिना किसी नाम या चेहरे के गाली-गलौच करना काम है। चोरी ऊपर से सीना जोरी, वाह। फैक्ट्स के साथ बातें रखने वाले कई लोगों को तुम्हारे फॉलोअर ट्रोल करते हैं। अब तुम्हारा समय खत्म हुआ।' 'ट्रू इंडोलॉजी' का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड होने के बाद लोग डी. रूपा पर भड़क गए। कुछ यूजर्स ने आरोप लगाया कि रूपा ने अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया है। लोगों का कहना है कि रूपा ने अभिव्यक्ति की आजादी को छीन लिया है।

इस पूरे विवाद में अभिनेत्री कंगना रणौत भी कूद गईं। उन्होंने आईपीएस डी. रूपा पर निशाना साधते हुए लिखा, 'आरक्षण के दुष्परिणाम, जब अयोग्य को पावर मिल जाती है, तो वे जख्मों को नहीं भरते। वे सिर्फ चोट पहुंचाते हैं। मुझे उनके निजी जीवन के बारे में कुछ भी पता नहीं है, लेकिन मैं गारंटी देती हूं कि उनकी हताशा, उनकी अक्षमता से उपजी है।'