देहरादून की प्रभा की पति की मौत के बाद प्रभा टूट गईं, लेकिन प्रभा ने खुद को संभाला और पति के बिजनेस को संभाला। प्रभा आज के सफल उद्यमी हैं और उनके दो बेटे भी विदेश में सेटल हैं।
देहरादून। मुसीबत के समय हिम्मत और हौसला ही काम आता है। अगर इस समय हम डर गए, तो फिर सफलता हमसे कोसों दूर चली जाती है। अक्सर देखा जाता है कि मुसीबत के समय महिलाएं हौसला खो देती हैं, लेकिन जो हौसला बनाए रखती हैं, वो सफलता को पाती हैं। कुछ ऐसा ही देहरादून की रहने वाली प्रभा शाही के साथ हुआ। गढ़ी कैंट में रहने वाली प्रभा के पति की 2005 चल बसे। पति की मौत के बाद जैसे प्रभा पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया। पति जिस समय दुनिया छोड़कर गए दोनों बच्चे छोटे थे और उनके पास उनका स्कूल में दाखिला कराने तक के पैसे नहीं थे। लेकिन प्रभा ने इस मुश्किल समय में भी हार नहीं मानी। मुसीबत के समय सब रिश्तेदार, दोस्त, शुभचिंतक दूर हो गए। ऐसे में परिवार पालना किसी चुनौती से कम नहीं था। प्रभा ने हौसला दिखाया और आगे बढ़ना शुरू किया। आज प्रभा एक सफल बिजनेस वुमेन हैं और उत्तराखंड में अपना बिजनेस चला रही हैं।
जब पति के अधूरे काम को पूरा करने निकल पड़ीं
प्रभा के पति जलविद्युत परियोजना पर काम कर रहे थे। प्रभा ने उनकी अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने का जिम्मा उठाया, लेकिन ये बड़ी चुनौती थी। उस समय न उनके पास गाड़ी थी, न पैसे थे। रोजाना घर से बीस किलोमीटर दूर तक पैदल चलना होता था। धीरे-धीरे वो जिम्मेदारी उठाती गईं और कुछ ही समय में उनकी मेहनत रंग लाने लगी। प्रभा ने अपने दोनों बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ बिजनेस में भी अपना सिक्का जमा लिया। प्रभा आज उत्तराखंड और हिमाचल में पति के बिजनेस को आगे बढ़ा रही हैं।
बच्चों की शिक्षा के लिए जब बेच दिए गहने
प्रभा के पति की जिस समय मौत हुई, उस समय उनके पास न पैसा था न कोई सहारा। प्रभा के दोनों बच्चों को सकूल की फीस न देने के कारण चार महीने घर पर ही बैठना पड़ा। बच्चों की परवरिश के लिए प्रभा ने अपने गहने तक बेच दिए। आज उनके दोनों बेटे विदेश में बस चुके हैं। उनके बिजनेस की बदौलत दो सौ लोग आजीविका चला रहे हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.