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फर्ज से नहीं मोड़ा मुंह, कोरोना संकट के बीच डॉ. अर्चना ने 15 संक्रमित महिलाओं का कराया प्रसव

Published - Thu 20, May 2021

कोरोना की दूसरी लहर के बीच जब इंसानी रिश्तों को शर्मसार करने वाली तस्वीरें आए दिन हमें अंदर तक झकझोर रही हैं। अपने ही अपनों से मुंह मोड़ रहे हैं। ऐसे दौर में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो इंसानियत की खातिर अपनी जान की परवाह किए बगैर दूसरों की सेवा में जुटे हैं। सिरसा की डॉक्टर अर्चना अग्रवाल भी इन्हीं लोगों में से एक हैं। डॉक्टर अर्चना ने कोरोना काल में न केवल संक्रमित महिलाओं का इलाज किया, बल्कि 15 कोरोना पॉजिटिव महिलाओं का सुरक्षित प्रसव भी कराया।

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के डर से जहां अपने ही अपनों से दो गज की दूरी बना कर चल रहे हैं। वहीं, कुछ लोग निस्वार्थ भाव से संक्रमितों की मदद करने में पीछे नहीं हैं। हरियाणा के सिरसा में रहने वालीं डॉक्टर अर्चना अग्रवाल (Doctor Archana Aggarwal) ऐसी ही एक कोरोना योद्धा हैं। तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के खतरे के बावजूद उन्होंने कभी किसी का इलाज करने से इनकार नहीं किया। सिरसा के नागरिक अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर अर्चना और उनके सहयोगियों ने महामारी की दूसरी लहर के बीच 15 कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं (Covid Positive Pregnant Ladies) का सुरक्षित प्रसव कराया है। यह पूछने पर कि उन्हें ऐसा करने में डर नहीं लगा तो वह कहती हैं, यह तो हमारा फर्ज है। मुश्किल वक्त पर अगर हम अपने दायित्व से पीछे हट गए, तो जरूरतमंदों की मदद कौन करेगा। कोरोना संकट के बीच जब ज्यादातर अस्पताल संक्रमित गर्भवती महिलाओं को अपने यहां भर्ती करने से इनकार कर दे रहे हैं, ऐसे में डॉक्टर अर्चना और उनके सहयोगियों के इस जज्बे को सभी सलाम कर रहे हैं।

डेरा में बनाया गया स्पेशल लेबर रूम

सिरसा स्थित नागरिक अस्पताल में हर महीने तकरीबन 450 प्रसव कराए जाते हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन ने संक्रमित गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए डेरा सच्चा सौदा स्थित अस्पताल में एक स्पेशल लेबर रूप स्थापित किया है। इसमें अब तक 15 महिलाओं का प्रसव कराया जा चुका है। सभी पूरी तरह सुरक्षित हैं। प्रसव के बाद महिलाएं और उनके परिजन डॉक्टर अर्चना और उनकी टीम के काम की तारीफ कर रहे हैं।

न झिझक हुई, न लगा डर, मिलती है खुशी

कोरोना पॉजिटिव 15 महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी करवाने वाली डॉक्टर अर्चना अग्रवाल कहती हैं कि उन्हें कभी संक्रमित महिलाओं की डिलीवरी करवाने में झिझक नहीं हुई, न ही डर लगा। संक्रमण का खतरा सभी को रहता है, लेकिन पूरी सावधानी बरतते हुए हमने अपना दायित्व निभाया। इस महामारी में जिन संक्रमित महिलाओं को संतान सुख मिला है वे डॉक्टरों का आभार जताती हैं।