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नहीं मिली पीपीई किट तो इस महिला डॉक्टर ने कार के कवर से खुद इसे बना डाला

Published - Thu 04, Jun 2020

कोरोना महामारी के बीच आपने कई लोगों को अभाव का बहाना बनाकर अपने फर्ज से भागते देखा होगा। सरकार पर बदइंतजामी का इल्जाम लगाकर अपनी जिम्मेदारी से किनारा करने में भी कई लोग पीछे नहीं रहे। लेकिन बिहार की रहने वाली डॉक्टर गीता रानी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। उन्होंने अपनी कार के कवर से ही पीपीई किट बना डाली।

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के बीच आपने कई लोगों को अभाव का बहाना बनाकर अपने फर्ज से भागते देखा होगा। सरकार पर बदइंतजामी का इल्जाम लगाकर अपनी जिम्मेदारी से किनारा करने में भी कई लोग पीछे नहीं रहे। लेकिन बिहार की रहने वाली डॉक्टर गीता रानी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। उन्होंने सरकार की ओर से सुविधाएं नहीं मिलने का बहाना बताने की बजाय अपने पास जो भी संसाधन थे उनका उपयोग कर मरीजों का लगातार इलाज किया और अब भी कर रही हैं। डॉ. गीता रानी ने 'आवश्यकता अविष्कार की जननी होती है' इस कहावत को भी चरितार्थ कर दिया है। दरअसल, बिहार के भागलपुर जिले में स्थित जेएलएनएमसीएच अस्पताल को कोरोना अस्पताल में तो बदल दिया गया, लेकिन यहां तैनात डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए प्रोटेक्‍शन किट जिसे पीपीई किट भी कहते हैं मुहैया नहीं कराई गई। बिहार में इसकी भारी कमी है। इस किट की कमी की वजह से पटना स्थित एनएमसीएच के डॉक्टरों ने पिछले दिनों राज्य सरकार को पत्र भी लिखा था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी किट की कमी को स्वीकार कर चुके हैं। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से भी इसकी मांग की है। ऐसे में जेएलएनएमसीएच अस्पताल के डॉक्टरों के लिए संक्रमितों का इलाज करना किसी जोखिम से कम नहीं था। इस परेशानी से बचने के लिए डॉक्टर गीता रानी ने एक अनूठा तरीका ढूंढ निकाला। उन्होंने अपनी कार के कवर से ही पीपीई किट बना डाली।

यू-ट्यूब पर देख आया आइडिया

डॉक्टर गीता रानी के मुताबिक अस्पताल के स्टाफ को पीपीई किट नहीं मिलने से वह काफी परेशान थीं। दूसरी ओर अस्पताल में मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। इसी दौरान उन्होंने यू-ट्यूब पर एक वीडियो देखा। इसमें वाटर प्रूफ कपड़े से पीपीई किट बनाने का तरीका बताया गया था। फिर क्या था डॉक्टर गीता घर में ऐसे कपड़े की तलाश में जुट गईं, लेकिन पूरा शूट बन जाए इतना बड़ा कपड़ा नहीं मिला। परेशान होकर वह टहलते-टहलते घर के बाहर निकलीं तो उन्हें कार पर डला उसका कवर नजर आया। फिर क्या था उन्होंने तुरंत उसे निकाला और पीपीई किट बनवाने का फैसला कर लिया।  

टेलर को वीडियो दिखा बनवाया किट

कार का कवर मिलने के बाद डॉ. गीता ने भागलपुर के एक टेलर से संपर्क किया और उसे यू-ट्यूब वीडियो दिखाकर पीपीई किट बनाने को कहा। टेलर ने हू-ब-हू वैसा ही शूट सिलकर डॉक्टर गीता रानी का दे दिया। शूट को अच्छे से परखने के बाद डॉ. गीता ने इसे पहनकर इमरजेंसी में ड्यूटी की और ऑपरेशन भी किया। यह किट पूरी तरह सुरक्षित और कोरोना से बचाव करने में सक्षम है। इसे धोकर बार-बार उपयोग में भी लाया जा सकता है।

पीएम मोदी और सीएम नीतीश को भी दी किट की जानकारी

डॉक्टर गीता रानी ने अपने इस किट की जानकारी ई-मेल के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को भी दी है। ई-मेल में डॉक्टर गीता ने छाता इस्तेमाल को बढ़वाने का सुझाव भी दिया है। उनके अनुसार जहां तक संभव हो ज्यादा से ज्यादा घर पर ही रहें। शारीरिक दूरी के नियमों का पालन सख्ती से करें। फिर भी किसी कारण यदि घर से निकलना पड़े तो छाता लेकर ही बाहर जाएं।  उनके मुताबिक छाता लगाने पर तीन फीट की दूरी खुद-ब-खुद बनी रहेगी।