शादी, सालगिरह व कई अन्य ऐसे मौकों पर खाने की बर्बादी तो काफी लोग देखते हैं लेकिन उसे रोकने या बचाने के लिए कोई-कोई ही आगे आता है। चेन्नई की रहने वाली डॉ इस्सा फातिमा खाने की बर्बादी देखकर बहुत दुखी होती थीं। तभी उन्हें एक आइडिया सूझा। तब उन्होंने शेयर बिफोर यू ईट नाम से एक योजना शुरू की।
नई दिल्ली। डॉ इस्सा फातिमा की मानें तो भोजन की बर्बादी देखकर मैं हमेशा सोचती थी कि काश इसे जरूरतमंदों को दे दिया जाता, इसलिए मैंने शेयर बिफोर यू ईट नाम से एक योजना शुरू की। इसके तहत भूखे लोग बिना पूछे फ्रिज से भोजन ले सकते हैं। फातिमा कहती हैं कि मैं चेन्नई की रहने वाली हूं। चिकित्सा क्षेत्र में उच्च शिक्षा पाने के बाद मैं दंत चिकित्सक के रूप में काम करने लगी। मेरे पिता ने मुझे हमेशा चैरिटी का काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनका मानना है कि दूसरों को चीजें बांटना अच्छी बात है। अपने आसपास भोजन की बर्बादी देखकर मैं हमेशा सोचती थी कि काश इसे जरूरतमंदों को खाने के लिए दे दिया जाता, लेकिन मन में यह भय भी होता था कि कहीं गैर-जरूरतमंद लोगों को भोजन देने से वे बुरा न मान जाएं। कुछ अन्य लोगों से बात हुई, तो पता चला कि मेरे जैसे और भी लोग हैं, जो बचा हुआ खाना किसी को देना चाहते हैं, पर मेरी तरह संकोच करते हैं, इसलिए मैंने शेयर बिफोर यू ईट नाम से एक योजना शुरू की। इसके तहत सड़कों पर एक सामुदायिक रेफ्रिजरेटर स्थापित किया, जहां से भूखे लोग बिना किसी से पूछे फ्रिज से भोजन ले सकते हैं। जो भी व्यक्ति किसी जरूरतमंद की मदद करना चाहता है, वह रेफ्रिजरेटर में घर का पका भोजन, ताजे फल, सब्जियां, सूखे स्नैक्स, बिस्कुट और सीलबंद पानी की बोतलें रख सकता है। ऐसे लोगों को सामने आना चाहिए, जो बचे खाने को बांटने की जिम्मेदारी ले सकें।
रेस्तरां से लिया सहयोग
चूंकि भोजन अलग-अलग लोगों और विभिन्न हाथों से आता है, इसलिए भूखे लोगों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती थी, इसलिए मैंने भोजन की गुणवत्ता के बारे में कुछ नियम बनाए। इसमें कई रेस्तरां मालिकों ने मेरा सहयोग किया।
स्वच्छता और सुरक्षित
रेस्तरां मालिकों के साथ मिलकर मैंने जरूरतमंदों के लिए भोजन हासिल किया और उसे फ्रिज में रखा। फ्रिज हमेशा खुले रहते हैं और एक सुरक्षा गार्ड हमेशा नोटबुक के साथ वहां बैठता है। वह यह सुनिश्चित करता है कि लोग फ्रिज में ताजी और स्वच्छ खाद्य सामग्री ही रखें।
बना कारवां
हमने चेन्नई में नौ और बंगलूरू में दो रेफ्रिजरेटर लगाए हैं। प्रत्येक दिन इससे तकरीबन 100 से 150 लोगों का भोजन रखा जाता है। रेफ्रिजरेटर के साथ, हमने एक शेल्फ भी रखना शुरू कर दिया है। इसमें लोग किताबें, कपड़े, जूते और खिलौने भी दान कर सकते हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.