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महिला डॉक्टर से पड़ोसी बोले, तुम फैला दोगी कोरोना, वह बोलीं- फर्ज से पीछे नहीं हटूंगी

Published - Mon 13, Apr 2020

एक तरफ जहां लोग कोरोना योद्धाओं पर फूल बरसा रहे हैं। ताली और थाली बजा रहे हैं, तो दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो इन कोरोना योद्धाओं से अभद्रता करने से भी नहीं चूक रहे हैं। इन लोगों को डर है कि कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रहे डॉक्टर से यह महामारी उनके घर तक न पहुंच जाए, इसलिए ये इन्हें अपने पड़ोस तक में नहीं देखना चाहते। ऐसा ही एक घटना कुछ दिनों पहले सूरत में रहने वालीं डॉक्टर संजीवनी के साथ हुआ। लेकिन संजीवनी इससे डरी नहीं और आज भी डटकर मरीजों के इलाज में जुटी हैं।

Dr Sanjivani

नई दिल्ली। कोरोना वायरस जैसी जानलेवा बीमारी से लोगों की जिंदगियों को बचाने के लिए दिन-रात संघर्ष कर रहे डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के हौसले को सलाम करने के लिए एक तरफ जहां लोग उन पर फूल बरसा रहे हैं। ताली और थाली बजा रहे हैं, तो दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो इन कोरोना योद्धाओं से अभद्रता करने से भी नहीं चूक रहे हैं। इन लोगों को डर है कि कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रहे डॉक्टर से यह महामारी उनके घर तक न पहुंच जाए, इसलिए ये इन्हें अपने पड़ोस तक में नहीं देखना चाहते। ऐसा ही एक घटना कुछ दिनों पहले सूरत में रहने वालीं डॉक्टर संजीवनी के साथ हुआ। सूरत के सिविल अस्पताल में काम करने वाली डॉ. संजीवनी से उनके पड़ोसी चेतन मेहता और उसकी पत्नी भावना मेहता ने पहले अभद्रता की फिर घर छोड़कर जाने के लिए धमकाया। अन्य पड़ोसियों ने भी ताना मारा, लेकिन डॉक्टर संजीवनी ने अपना धैर्य नहीं खोया और बड़ी ही बेबाकी से कहा- आप लोगों को जो सोचना है सोचें, मैं अपने फर्ज से पीछे नहीं हटूंगी। मैं कोरोना पीड़ितों का इलाज अपनी पूरी क्षमता से तब तक करती रहूंगी, जब तक देश इस महामारी को हरा नहीं देता है।

मौन रहकर उपेक्षा का दिया जवाब, तिलमिलाए पड़ोसी

डॉक्टर संजीवनी के मुताबिक एक दिन मैं अस्पताल से घर पहुंची ही थी कि तभी पड़ोसी में सामने आकर खड़े हो गए और बोले- तुम अस्पताल में काम करती हो, कोरोना संक्रमितों के आस-पास रहती हो, कहीं तुम्हें भी संक्रमण तो नहीं हो गया है। तुम्हारी वजह से हम सब इस वायरस की चपेट में आ जाएंगे। घर में छोटे-छोटे बच्चे और बुजुर्ग हैं। पड़ोसियों के अभद्र रवैये से डॉक्टर संजीवनी आहत तो हुईं, लेकिन उन्होंने पलटकर जवाब देना ठीक नहीं समझा और चुपचाप अपने घर में जाने लगीं। यह देख पड़ोसी तिलमिला गए। डॉक्टर बताती हैं कि इस घटना के ठीक दूसरे दिन रविवार को मुझे बेइज्जत करने के लिए पड़ोसियों ने फिर से शोर-शराबा शुरू कर दिया और मेरे घर में बंधे कुत्ते की तरफ इशारा कर आरोप लगाया कि वह उन्हें काट रहा है। संजीवनी के विरोध करने पर पड़ोसी चेतन ने गालियां देना शुरू कर दिया। साथ ही धक्का-मुक्की भी की। फिर धमकी देते हुए कहा यह सब नहीं चलेगा। तुझे यहां से जाना ही होगा।

पीएमओ को ट्वीट कर बताई परेशानी तो हरकत में आई पुलिस

पड़ोसियों के इस दुर्व्यवहार से दुखी डॉ. संजीवनी ने मामले की पूरी शिकायत पीएमओ को ट्वीट कर की। साथ ही अपने साथ हुई घटना का वीडियो भी डाला। ट्वीट में डॉक्टर ने लिखा- मैं कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हूं, क्या यह मेरी गलती है। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और पड़ोसियों को चेतावनी देने के साथ डॉक्टर संजीवनी को आश्वासन दिया है कि अब दोबारा उनके साथ ऐसी कोई घटना नहीं होगी।  
 
रोजाना 16 घंटे दे रहीं सेवा

डॉक्टर संजीवनी के मुताबिक उन्हें पड़ोसियों से इस तरह के व्यवहार की अपेक्षा नहीं थी। इसके बाद भी वह इससे विचलित नहीं हैं। वह पहले से ज्यादा रोजाना करीब 16 घंटे तक मरीजों के इलाज में जुटी हैं। वह कहती हैं, इस जंग में बहुत से योद्धाओं की जरूरत है। हमारे देश में डॉक्टरों की कमी है। ऐसे में जितने भी डॉक्टर हैं, वह अपने काम का समय बढ़ा कर इस कमी को काफी हद तक पूरी कर सकते हैं। आज हमें एक राष्ट्र के तौर पर मजबूती से खड़े रहने की जरूरत है।