कोरोना की दूसरी लहर से देश में त्राहि-त्राहि मची है। अस्पतालों के बाहर मरीजों की कतार लगी है। हर कोई इस आपदा में खुद को बेबस पा रहा है। अपनी और अपने परिवार की जान बचाने के लिए लोग घरों में सिमट कर रह गए हैं। इन हालातों में भी कई ऐसे लोग हैं, जो अपनी जान की परवाह किए बगैर फर्ज की खातिर आज भी पूरी निष्ठा से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं छत्तीसगढ़ की डीएसपी शिल्पा साहू। 5 माह की गर्भवती होने के बावजूद सूबे में लगे लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए वह रोजाना घंटों सड़क पर ड्यूटी कर रही हैं। वह कहती हैं, लोग घरों में सुरक्षित रहें, इसलिए हम बाहर खड़े हैं। डीएसपी शिल्पा के जज्बे को आज देश के लोग सलाम कर रहे हैं।
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है। दिल और दिमाग को झकझोर देने वाली कई घटनाएं हमारे, आपके सामने घटित हो रही हैं। इन सबके बीच कुछ ऐसे लोग भी सामने आ रहे हैं, जो हिम्मत और फर्ज की मिसाल पेश कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में तैनात डीएसपी शिल्पा साहू भी ऐसी ही एक शख्सियत हैं। दंतेवाड़ा नक्सलवाद से प्रभावित जिला है। कोरोना के कारण यहां हालात इन दिनों पहले की अपेक्षा और खराब हो गए हैं। इस कारण राज्य सरकार ने यहां लॉकडाउन कर दिया है। लॉकडाउन के बाद पुलिस की जिम्मेदारी काफी बढ़ गई है। कई पुलिस कर्मियों के संक्रमित होने के कारण उनके अन्य सहयोगियों पर काम का दबाव बढ़ गया है। इस परेशानी हो देखते हुए जिले में तैनात डीएसपी शिल्पा साहू 5 माह की गर्भवती होने के बावजूद घर में आराम करने के बजाए मुस्तैदी से फर्ज को अंजाम देने सड़कों पर उतर चुकी हैं। चिलचिलाती धूप और नक्सली खतरे से बेखौफ वह लोगों को बेवजह घरों से नहीं निकलने और मास्क पहनने को लेकर जागरूक कर रही हैं।
ड्यूटी का नहीं था कोई दबाव, फिर भी फर्ज के लिए संभाला मोर्चा
गर्भावस्था के कारण शिल्पा पर ड्यूटी का कोई दबाव नहीं था। वह चाहतीं तो घर पर आराम कर सकतीं थीं, लेकिन उन्हें इस मुश्किल वक्त में अपना फर्ज निभाना ज्यादा बेहतर लगा। वह अपनी टीम के साथ सड़क पर पूरी मुस्तैदी से अपने फर्ज को अंजाम दे रही हैं। सड़क पर हाथ में डंडा लिए शिल्पा लोगों को कभी प्यार, तो कभी चेतावनी भरे लहजे में समझातीं हैं कि वे नियमों का पालन करें, घर में रहें, सुरक्षित रहें। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ चालान और केस दर्ज करने से भी वह पीछे नहीं हट रही हैं।
कई बार नक्सलियों के मंसूबे पर फेर चुकी हैं पानी
दंतेवाड़ा में महिला डीआरजी (DRG) की एक टीम है। इसका नाम दंतेश्वरी फाइटर्स है। डीएसपी (DSP) शिल्पा इस टीम का नेतृत्व करती हैं। वह नक्सलियों के गढ़ में भी बेखौफ जाती हैं। तेलम, टेटम, निलवाया, गुमियापाल, चिकपाल, मारजुम सहित कई ऐसे इलाके हैं जहां वो खुद नक्सलियों का सामना करती हैं। शिल्पा और उनकी टीम ने कई बार नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेरा है। वह और उनकी टीम कई आईईडी (IED) को डिफ्यूज कर चुकी है। गांवों में लोग उन्हें पुलिस दीदी कहकर बुलाते हैं।
टीम का हौसला बना रहे इसलिए कर रहीं ड्यूटी
पांच माह की गर्भवती होने के बावजूद भी वह कोरोना काल में ड्यूटी क्यों कर रही हैं? यह पूछने पर शिल्पा कहती हैं कि, मैं इस स्थिति में भी इसलिए ड्यूटी कर रही हूं, ताकि टीम का हौसला बना रहे। लोगों को लगे कि पुलिस किसी भी परिस्थिति में उनके साथ है। हम लोगों के लिए घर से बाहर हैं, इसलिए लोगों से अपील है कि वे घर पर ही रहें। वह लोगों को और अपनी टीम को भी समझाती हैं कि बुरा वक्त है, जल्द निकल जाएगा, बस सब साथ रहकर इसका मुकाबला करें। पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करें।
मुख्यमंत्री ने की शिल्पा की तारीफ
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डीएसपी शिल्पा के साहस की तारीफ की है और कहा कि उन्होंने समाज के सामने एक अच्छा उदाहरण पेश किया है। दंतेवाड़ा डीएसपी शिल्पा साहू महामारी के समय में लोगों के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं। गर्भवती होने के बावजूद वह सड़कों पर हैं और कोविड नियमों का पालन करवा रही हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.