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पुरुष प्रधान समाज से लड़ रही हैं पाकिस्तान की फरहीन

Published - Thu 10, Sep 2020

पाकिस्तान की फरहीन एक सिंगल मदर हैं और लाहौर के अनारकली में दुकान चलाती हैं। वह महिला होकर भी पुरुष का भेष बनाकर रहती हैं, ताकि अपनी बच्ची की परवरिश कर सकें।

Farheen

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में पुरुष प्रधान संस्कृति सदियो पुरानी है। भारत में महिलाओं को अब खुलकर जीने और सपने पूरे करने की आजादी है, लेकिन पाकिस्तान में आज भी महिलाओं को पैर की जूती ही समझा जाता है। पाकिस्तान की रूढ़ीवादी संस्कृति, धर्म के नाम पर होने वाला अत्याचार किसी से छिपा नहीं हैं। ऐसे में लाहौर की एक मां ऐसी है, जो इस पुरुष प्रधान समाज से बचने और अपनी बच्ची की परवरिश करने के लिए सालों से पुरुषों की तरह जीवन बिता रही है। लाहौर के अनारकली बाजार में एक छोटी सी दुकान चलाने वाली फरहीन के जज्बे को सलाम है।

सिंगल मदर हैं फरहीन
फरहीन का सबसे बड़ा गुनाह ये है कि वह सिंगल मदर हैं। हालांकि पाकिस्तानी पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को आजादी नाममात्र की है, तो वहां के समाज में एक औरत को दुकान चलाते देखने के लोग आदी नहीं हैं। अगर देख भी लिया जाए, तो धर्म के ठेकेदार धर्म का हवाला देकर उसका जीवन मुश्किल कर देते हैं। इन्हीं परेशानियों को देखते हुए फरहीन को मजबूरन पुरुष का रूप लेना पड़ा। वो ऐसा इसलिए कर रहीं है कि अपनी नौ साल की एक मासूम बेटी का पेट पाल सकें, उसको सुविधा दे सकें। इतना ही नहीं फरहीन अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने और घर चलाने के लिए कैब भी चलाती हैं। पाकिस्तान की एक बेवसाइट और सोशल मीडिया की खबरों की मानें, तो वह अपनी बेटी के साथ एक हॉस्टल में रहती हैं। सोशल मीडिया से निकलकर ही उनकी कहानी दुनिया के सामने आई है। उनकी मदद के लिए लोग भी आगे आए और अब तक दो लाख से ज्यादा रुपये एकत्र हो चुके हैं। फरहीन की कहानी ये बताने के लिए काफी है कि पुरुष प्रधान समाज में एक अकेली औरत का जीना कितना मुश्किल है।