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नारी शक्ति को प्रेरणा देती गाबी शुल

Published - Thu 17, Sep 2020

अमेरिका के मिसौरी में रहने वाली गाबी शुल आज नारी शक्ति के लिए मिसाल हैं। अपने हुनर के दम पर उन्होंने अपनी पहचान बनाई है।

नई दिल्ली। छोटी उम्र में बड़े-बड़े काम करने का जज्बा हर किसी में नहीं होता। खासकर अगर आप किसी परेशानी से परेशान हैं, तो बिल्कुल आप इससकी कल्पना नहीं कर सकते, लेकिन अमेरिका के मिसौरी की रहने वाली गाबी गुल ने जीवन को नजदीक से जाना और समझा की दुनिया को अपना दर्द नहीं, हुनर दिखाना होगा और आज वो महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं।

गाबी शुल ने छोटी-सी उम्र में जिन्दगी को और सफलता पाने के रास्ते को अच्छी तरह से समझा। गाबी जब 9 साल छोटी सी उम्र मे थी, उस समय उन्हें कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझना पड़ा। उन्हें अपना दाहिना पैर गंवाना पड़ा। वह अपना जीवन बिस्तर पर नहीं बिताना चाहती थी, जीवन मे कुछ करने के लिए उन्होने हिम्मनत दिखाई ओर कैंसर जैसी घातक बिमारी को भी मात दे दी। रोटेशन प्लास्टिक सर्जरी करवाई और चलने में सक्षम बनीं। इसके बाद उन्होंने बैले डांस की प्रैक्टिस शुरू की और आज वो एक अच्छी बैले डांसर हैं। उनका हौसला और आत्मविश्वास देखकर लोग प्रेरणा लेते हैं।

नहीं मानी हार
बचपन में जब गाबी को पता चला कि उन्होंने कैंसर है और उनका एक पैर काटना पड़ेगा, तो गाबी ने हार नहीं मानी। उन्होंने हौसला दिखाया। उन्होंने सबकुछ सहा लेकिन हिम्मत नहीं हारी। वो जब लंबे उपचार के बाद ठीक हुईं, तो कन्टेम्पररी, हिप-हॉप, जैज, टैप, और लिरिकल डांस की क्लासेस लेना शुरू किया और आज वो इस तरह के डांस में महारथ हासिल कर चुकी हैं।