गाजियाबाद की कामाक्षी शर्मा ने साइबर क्राइम के रोकथाम पर जागरुकता के लिए एशिया में सबसे लंबा ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाकर अपना नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया।
नई दिल्ली। गाजियाबाद की बेटी कामाक्षी शर्मा ने साइबर की दुनिया में इतिहास रचा है। कामाक्षी ने साइबर क्राइम के रोकथाम पर जागरुकता के लिए एशिया में सबसे लंबा ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाकर अपना नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया। इससे पूर्व वह इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी जगह बना चुकी हैं। सबसे कम उम्र (23 साल 11 माह 29 दिन) में साइबर क्राइम के खिलाफ सबसे लंबा अभियान चलाने वाली कामाक्षी शर्मा का कहना है कि साइबर अपराध से लड़ने के लिए दुनिया के सभी देशों को एक प्लेटफार्म पर आना चाहिए। इस अपराध का दायरा अब एक देश तक सीमित नहीं रहा। भारत के लोगों के साथ विदेशों में भी साइबर ठगी या अन्य अपराध हो रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि सभी देश की सुरक्षा एजेंसियां एक संयुक्त मंच तैयार करें।
पंचवटी कॉलोनी में रहने वाली कामाक्षी ने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पुलिसकर्मियों को ट्रेंड करने के लिए चलाए गए अपने अनूठे व मुश्किल अभियान को पूरा कर एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया। उन्हें यह मुकाम हाल ही में हासिल हुआ है यानी इतनी छोटी उम्र में एशिया में साइबर क्राइम को लेकर ऐसा अभियान चलाने वाली वह पहली युवती हैं। कामाक्षी का कहना है कि एशिया के 49 देशों में साइबर क्राइम पर सबसे ज्यादा काम भारत में हुआ है। अपना देश इस क्षेत्र में अच्छा काम कर रहा है। उनका कहना है कि भारत के लोगों के साथ विदेशों में होने वाली साइबर ठगी पर काम कर पाना फिलहाल मुश्किल हो जाता है। अन्य देशों की सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर इस पर काम करना चाहिए।
साधारण परिवार में पली बढ़ी, अब दुनिया में कमाया नाम
कामाक्षी के पिता रघु शर्मा दिल्ली की कंपनी में सुपरवाइजर हैं और मां गृहणी हैं। उनकी 12वीं तक की पढ़ाई गाजियाबाद में ही हुई है। इसके बाद उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई पूरी की और साइबर क्राइम के क्षेत्र में काम करने लगीं। कामाक्षी ने बताया कि वह श्रीलंका और दुबई में भी सुरक्षा एजेंसियों के साथ इंवेस्टिगेशन में काम कर चुकी हैं। उन्हें श्रीलंका समेत कई देशों में इंवेस्टिगेशन और ट्रेनिंग क्षेत्र में काम करने के लिए बुलाया जा रहा है। जल्द ही वह विदेशों की सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी काम करती नजर आएंगी।
प्राइवेट कंपनियों के ऑफर छोड़े
कामाक्षी ने बताया कि कई प्राइवेट कंपनियों की ओर से जॉब ऑफर की जा चुकी है। एथिकल हैकर के रूप में उन्हें बेहतर सैलरी पैकेज पर बुलाया गया था लेकिन उन्होंने यह ऑफर ठुकरा दिए। कामाक्षी का कहना है कि वह साइबर क्षेत्र में पुलिस और देश की सेना के लिए काम करना चाहती हैं, प्राइवेट कंपनियों के लिए नहीं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.