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भारत की वो बेटी जिसके हाथ विश्व मुद्राकोष की कमान है

Published - Fri 29, Jan 2021

भारत में जन्मीं, पली-बढ़ी गीता गोपीनाथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की पहली महिला चीफ इकोनोमिस्ट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी कामयाबी महिलाओं के लिए प्रेरणा है।

geeta gopinath

नई दिल्ली। विश्व के बड़े संगठनों में शुमार अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष की कमान इस समय एक महिला के हाथ मे है। वो महिला भारत की बेटी है। गीता गोपीनाथ इस ऊंचे मुकाम पर पहुंचकर भारत का मान बढ़ा रही हैं और महिलाओं को सिखा रही हैं कि अगर हौसले और हिम्मत से काम लिया जाए, तो कोई भी मंजिल मुश्किल नही।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की पहली महिला मुख्य अर्थशास्त्री
भारतीय महिलाएं आज विश्वभर में अपनी काबलियत का लोहा मनवा रही हैं, इन्हीं में से एक नाम विश्व मुद्राकोष की पहली महिला अध्यक्ष गीता गोपीनाथ का है। गीता की गिनती विश्व के प्रमुख अर्थशास्त्रियों में होती है। गीता गोपीनाथ को अक्टूबर 2019 में यूरोपीय सेंट्रल बैंक के अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड द्वारा नियुक्त किया गया था। 49 वर्षीय गीता एक भारतीय-अमेरिकी हैं, जो आईएमएफ में अनुसंधान विभाग और आर्थिक परामर्शदाता के रूप में भी कार्य करती हैं। उनका जन्म भारत में ही हुआ। शिक्षा भी यहां से हुई। 8 दिसंबर 1971 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में जन्मीं गीता की शुरुआती शिक्षा कर्नाटक के मैसूर स्थित निर्मला कॉन्वेंट स्कूल से हुई, क्योंकि उनके माता-पिता मूल रूप से केरल के थे और कन्नूर में रहते थे। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद गीता गोपीनाथ ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से उच्च शिक्षा हासिल की। उन्होंने दिल्ली विवि के लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नाकत की डिग्री ली थी। गीता ने यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन से पीजी किया। फिर यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो और बाद में हावर्ड यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय अध्ययन और अर्थशास्त्र की प्रोफेसर भी रहीं। 2001 में उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी पूरी की। गीता भारतीय वित्त मंत्रालय के जी-20 (G 20) सलाहकार समिति में सदस्य भी रहीं।

किसान बिलों को लेकर चर्चा में गीता
भारत सरकार के खिलाफ चल रहे किसान विरोध के बीच, गीता ने कहा कि नए कृषि कानून संभावित रूप से किसान की आय में वृद्धि कर सकते हैं, लेकिन कमजोर किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता है। इस पर बहस छिड़ी हुई है। गीता की गिनती विश्व आर्थिक मंच द्वारा एक युवा वैश्विक नेता के रूप में होती है। वह विश्व के शीर्ष 25 अर्थशास्त्रियों में गिनी जाती हैं।
भारत में हो चुकी हैं सम्मानित
2019 में, उन्हें भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा भारतीय मूल के व्यक्ति के लिए सर्वोच्च सम्मान, प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया गया। गीता ने 2016 और 2018 के बीच केरल के मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार के रूप में काम किया है। अर्थशास्त्री भारत में वित्त मंत्रालय के लिए G-20 मामलों पर प्रख्यात व्यक्ति सलाहकार समूह की सदस्य भी थी। गीता इंटरनेशनल हैंडबुक ऑफ इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स की को-एडिटर हैं।