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दक्षिण कोरिया : स्कूलों में कम हुए बच्चे तो संख्या बढ़ाने के लिए दादियों को दे दिया एडमिशन

Published - Thu 06, Jun 2019

बच्चों की संख्या कम हुई तो स्कूलों ने उम्रदराज महिलाओं को दिया एडमिशन, 90 साल तक की दादियां पढ़ रहीं हैं स्कूल में

नई दिल्ली। सुनने में अजीब लगे, लेकिन यह सच है कि दक्षिण कोरिया के स्कूलों में 90 साल तक की दादियां पढ़ रही हैं। जी हां, यह बिल्कुल सच है और यह इसलिए हुआ कि स्कूलों में बच्चों की संख्या कम हो रही है। स्कूलों में संख्या बढ़ाने के लिए अब उम्रदराज लोगों को भी एडमिशन दिया जा रहा है। इससे वो लोग भी खुश हैं, जो किसी कारण से पहले नहीं पढ़ पाए थे, उन्हें अब मौका मिल रहा है।

दरअसल, दक्षिण कोरिया में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे निपटने के लिए वहां के लोग बच्चों के साथ दूसरे देशों में जा रहे हैं। ऐसे हालात कुछ स्कूलों को तो बंद करने की नौबत आ गई है, वहीं कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां कभी संख्या हजारों में होती थी, वहां अब 10-20 बच्चे ही रह गए हैं।  ऐसे हालात से निपटने के लिए स्कूलों ने नायाब तरीका तलाश किया है। इसके तहत उम्रदराज दादियों को एडमिशन दिया जा रहा है।

... तब ल​ड़कियों को दी जाती थी बेहतर तालीम
दक्षिण कोरिया में भी शुरू से ही लड़के और लड़कियों में भेद किया जाता रहा है। एक समय में यहां लड़कों की बेहतर तालीम पर ध्यान ​​​दिया जाता था और लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा जाता था। दक्षिण कोरिया में 1960 के दशक में लड़कियों को स्कूल से दूर रखा गया, यही वजह रही कि ज्यादातर महिलाएं अब तक अशिक्षित हैं। इसके अलावा देश में खेती-किसानी करने वाले परिवार भी घट रहे हैं। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते लोग सिर्फ एक ही बच्चे की चाह रखने लगे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरिया के वोल्डियुंग एलीमेंट्री में वर्ष 1968 में 1200 बच्चे थे, जिनकी संख्या अब घटकर महज 29-30 रह गई है। हालात यह हैं कि कुछ कक्षाएं तो साथ बिठाकर चलाई जा रही हैं।