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दुनिया की सात महिला नेताओं ने दी कोरोना को मात

Published - Sun 31, May 2020

कोरोना वायरस जहां तेजी से पूरी दुनिया में अपने पैर अब भी फैला रहा है और सभी देशों के शीर्ष नेता इसके संक्रमण को रोकने में जुटे हुए हैं, वहीं दुनिया की सात महिला नेताओं ने इस पर काफी हद तक नियंत्रण दुनिया के पुरुष नेताओं को टक्कर दी है। वह उनसे इक्कीस साबित हुई हैं। इन्होंने पूरी दुनिया को कोरोना संकट से निपटने की सीख देने के साथ एक सबक दिया है। यह पुरुषों के मुकाबले अपने मुल्क में संक्रमण को फैलने से रोकने में ज्यादा कामयाब रहीं हैं।

दुनिया की शीर्ष नेता

नई दिल्ली। दुनिया में अच्छे प्रदर्शन वाले शीर्ष दस देशों में चार की कमान महिलाओं के हाथ में है। इनके सख्त फैसलों ने अपने देश को संक्रमण से काफी हद तक बचाकर रखा है। इन्होंने दुनिया का नेतृत्व करने वाले पुरुषों को राह भी दिखाई है। इसमें शामिल हैं जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल। उनके नेतृत्व वाले जर्मनी ने प्रांतीय सरकारों से तालमेल, ज्यादा टेस्टिंग व अच्छे  इंफ्रास्ट्रक्चर से लड़ाई यहां काफी हद तक लड़ाई जीत ली है। यहां मौतों का आंकड़ा का संक्रमण फैलने की दर बेहद धीमी है। वहीं, ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने त्वरित टेस्टिंग, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और आइसोलेशन के दम पर कोरोना को देश में फैलने नहीं दिया, इस देश में भी ऐसे ही हालात हैं। यहां चीन के शुरूआत से ही सबक लेकर अपनी सीमाएं सील कर दी गई थीं। यहां भी हालात अन्य देशों के मुकाबले काफी बेहतर हैं। न्यूजीलैंड की पीएम जेसिंडा आर्डर्न ने 25 मार्च से कड़ा लॉकडाउन लगाकर लोगों को जागरूक किया। आइसलैंड की पीएम कैटरीन जैकब्स्डोट्टिर ने जनवरी से ही व्यापक टेस्ट शुरू कर महामारी पर काबू रखा। फिनलैंड की 34 वर्षीय पीएम सना मरीन ने बेहतर तैयारियों और सोशल मीडिया पर जागरूकता से मौत का आंकड़ा नहीं बढ़ने दिया। वहीं, डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिक्सनने लॉकडाउन का प्रभावी पालन कराते हुए लोगों को काफी पहले आर्थिक सहायता दे दी। नॉर्वे की लीडर एर्ना सोलबर्ग ने अपने देश के बच्चों से सीधे बात की। निजी और सरकारी संस्थानों को बंद करा दिया। 

बड़े-बड़े देश हुए धराशायी

इसके अलावा दक्षिण कोरिया में कभी लॉकडाउन नहीं रहा और वहां स्कूल भी खुल चुके हैं। वहां का पूरा जोर टेस्टिंग पर रहा। इसके उलट इटली, ब्रिटेन, अमेरिका, ब्राजील, ईरान और स्पेन जैसे देशों का हाल देखें तो वहां ज्यादा मौतें हुई हैं।

जेसिंडा की सफलता ट्रंप की विफलता

न्यूजीलैंड ने 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की, तब पीएम जेसिंडा ने देश को संबोधित किया। उन्होंने नागरिकों की घबराहट समझी, आपात स्थितियों के लिए क्षमा भी मांगी। इसके उलट, ट्रंप लॉकडाउन खोलने पर जोर देते रहे। उन्होंने चीन के खिलाफ जांच पर ध्यान केंद्रित कर लिया। इससे महामारी रोकने के अमेरिकी प्रयासों में मदद नहीं मिली। आज वहां दुनिया में सबसे ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं।