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नित्शा, वो पहली गुजराती लड़की जो इस्राइली सेना में हुईं शामिल

Published - Fri 18, Jun 2021

गुजराती मूल की नित्शा इस्राइली सेना में शामिल होने वाली पहली गुजराती लड़की हैं, उनकी बहन भी इस्राइली सेना में दमखम दिखा रही हैं।

नई दिल्ली। इस्राइल में जहां हमास के आतंकियों के खिलाफ जंग जारी है वहीं भारतीय मूल की 20 वर्षीय बेटी नित्शा मुलियाशा भी इस लड़ाई का हिस्सा हैं। तेल अवीव में बसीं नित्शा इस्राइली सेना में भर्ती होने वाली पहली गुजराती लड़की हैं। वर्षों पहले वो पिता क साथ इस्राइली जा बसी थीं। बचपन से ही उन्हें सेना में जाने का शौक था। इस्राइली में शिक्षा प्रणाली कुछ ऐसी है कि वो बच्चों की खूबियों और रुचियों को जानकर उस दिशा में काम करते हैं। नित्शा के रुझान को देखते हुए शिक्षा हासिल करते समय उन्हें इस दिशा में आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया गया। धीरे-धीरे वो अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ती गईं और आज इस्राइल सेना का हिस्सा हैं।
उनके पिता जीवाभाई मुलियाशा ने बताया कि यह सब इस्राइली शिक्षा प्रणाली की बदौलत संभव हुआ है।
आधुनिक हथियारों को चलाने में सक्षम
नित्शा बेशक एक लड़की हैं, लेकिन नित्शा को आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करने और युद्ध के मैदान में बहुआयामी क्रियाकलापों को अंजाम देने की ट्रेनिंग मिली हुई है। नित्शा ने दो साल चार महीने की ट्रेनिंग पूरी की है और वो हर क्षेत्र में अपने काम को बखूबी अंजाम दे सकती हैं। ट्रेनिंग खत्म होने के बाद इस्राइल में फौजियों को पांच साल या 10 साल का अग्रीमेंट साइन कराया जाता है। इसके तहत वे मेरिट के आधार पर अपनी पसंद का कोई भी कोर्स, इंजिनियरिंग, मेडिसिन या अन्य चुन सकते हैं। इस्राइली सेना ने उनकी शिक्षा  का सारा खर्च उठाया। नित्शा को अब तक लेबनान, सीरिया, जॉर्डन और मिस्र सीमा पर भी तैनाती मिल चुकी है।
नित्शा की बहन रिया ने भी ज्वाइन की आर्मी
नित्शा की छोटी बहन रिया ने इसी साल 12वीं पास करने के बाद आर्मी ज्वाइन की है। उसकी ट्रेनिंग अभी चल रही है। बता दें कि इस्राइल में 18 साल की उम्र से ऊपर के सभी लोगों को सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य है। चारों तरफ से शत्रुओं से घिरे होने की वजह से इस्राइल में यह सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है।