दिल्ली और एनसीआर इन दिनों प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। इसका एक प्रमुख कारण यहां अंधाधुंध बढ़ती वाहनों की संख्या है। दूसरी ओर पंजाब और हरियाणा में किसानों के खेतों में पराली जलाने ने हालात बद से बदतर हो गए हैं। इसके बावजूद किसान सरकार के आदेश को मनाने को तैयार नहीं हैं। किसानों में जागरुकता के अभाव से समस्या कम होने के बजाए बढ़ती जा रही है। इन सब के बीच कक्षा 10वीं में पढ़ने वाली हरियाणा की एक बेटी ने कुछ ऐसा किया, जो दूसरों के लिए नजीर बन गया है।
नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर इन दिनों प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। इसका एक प्रमुख कारण यहां अंधाधुंध बढ़ती वाहनों की संख्या है। दूसरी ओर पंजाब और हरियाणा में किसानों के खेतों में पराली जलाने ने हालात बद से बदतर हो गए हैं। प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने जहां ऑड-ईवन सिस्टम लागू कर दिया है, तो पंजाब और हरियाणा सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माना का प्रावधान कर रखा है। इसके बावजूद किसान सरकार के आदेश को मनाने को तैयार नहीं हैं। किसानों में जागरुकता के अभाव से समस्या कम होने के बजाए बढ़ती जा रही है। इन सब के बीच कक्षा 10वीं में पढ़ने वाली हरियाणा की एक बेटी ने कुछ ऐसा किया, जो दूसरों के लिए नजीर बन गया है। दरअसल, इस बेटी ने पिता को खेतों में पराली जलाने से रोका, लेकिन जब वे नहीं माने तो बेटी प्रशासन के पास पिता की शिकायत करने पहुंच गई। प्रशासन ने भी मामले में तुरंत एक्शन लिया और किसान पर 2500 रुपये का जुर्माना ठोक दिया।
बढ़ते प्रदूषण को देख विरोध करने की ठानी
हरियाणा के जींद के ढाकल गांव में रहने वाले शमशेर श्योकंद किसान हैं। यहां के ज्यादातर किसानों की तरह उन्होंने भी फसल कटने के बाद खेतों में पड़ी पराली को जलाने का मन बनाया। इसकी भनक जैसी ही कक्षा दसवीं में पढ़ने वाली उनकी बेटी सोनाली को हुई वह नाराज हो गई। उसने पिता और अन्य घरवालों को समझाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन वे पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। इस बीच मनाने और समझाने का सिलसिला तीन दिनों तक चलता रहा, लेकिन शमशेर नहीं माने और एक दिन खेतों में पहुंच पराली में आग लगा दी। इसकी जानकारी सोनाली को हुई तो वह गांव से दूर नरवाना शहर के आर्य कन्या स्कूल में पढ़ने जाने की बजाए सीधे नरवाना स्थित कृषि विभाग के दफ्तर में पहुंच गई। सोनाली ने कृषि विभाग के अफसरों को पूरी बात बताई और तुरंत कार्रवाई का आग्रह किया, जिससे अन्य लोग भी इससे सबक ले सकें। एक बेटी के द्वारा अपने ही पिता की शिकायत करने से अफसर भी हैरान रह गए। तत्काल ब्लॉक एग्रीकल्चर अफसर को मौके का मुआयना करने भेजा गया। जहां शिकायत सही पाए जाने पर सोनाली के पिता पर 2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
सोनाली बोली, भले मेरे पिता हैं, लेकिन गलत तो गलत होता है
इस बारे में सोनाली का कहना है कि पिता की शिकायत करना मेरे लिए थोड़ा मुश्किल था, लेकिन गलत तो गलत होता है, फिर चाहे वह पिता ने किया हो या भाई ने। सोनाली का साथ ही यह भी कहना है कि पराली जलाने से प्रदूषण फैलता है, इसलिए वह सभी माताओं-बहनों से भी अपील करती है कि जहां इस प्रकार का प्रदूषण हो रहा है उसे तुरंत रोकने का प्रयास करें और आसपास के लोगों को जागरूक करें।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.