इस बार बिहार चुनाव में नक्सल प्रभावित इलाकों की जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश की दबंग आईपीएस अधिकारी सौम्या सांबशिवन को दी गई है। वह यहां 594 जवानों की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी। यह टुकड़ी चुनावों क्षेत्रों के लिए रवाना हो चुकी है। सौम्या की छवि एक तेजतर्रार अधिकारी की है। वह लड़कियों को सुरक्षा स्प्रे बनाने का प्रशिक्षण भी देती हैं। जिसे छिड़कने से मनचले आधे घंटे तक आंख नहीं खोल सकते हैं।
नई दिल्ली। सौम्या 2010 बैच की आईपीएस अफसर हैं। उन्हें आज दंबग ऑफिसर के रूप में पहचाना जाता है। वह मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं और उनके पिता इंजीनियर थे। वे अपने पेरेंट्स की इकलौती बेटी हैं। वह बायो से ग्रेजुएट हैं। उसके बाद उन्होंने मार्केटिंग और फाइनेंस में एमबीए भी किया। आईपीएस बनने से पहले वह मल्टीनेशनल बैंक में काम करती थीं। उनका सपना लेखिका बनने का था लेकिन सिविल सेवा का एग्जाम क्लियर करके वह आईपीएस बन गईं।
मनचलों से परेशान लड़कियों को देती हैं स्प्रे की ट्रेनिंग
अक्सर स्कूल और कॉलेज जाने वाली बेटियों से छेड़छाड़ की घटनाएं आम होते हैं। सौम्या उसे रोकने के लिए लड़कियों को हमेशा जागरूक करती हैं और उन्हें खास तरह का स्प्रे बनाने की ट्रेनिंग भी देती हैं। मिर्च, रिफाइंड और नेल पेंट की मदद से तैयार यह तरल पदार्थ देर तक असर करता है। इससे डालने से मनचलों काफी देर तक आंख नहीं खोल पाते हैं।
लोग कहते हैं लेडी सिंघम, विधायक को जड़ा था थप्पड़
सौम्या की पहली तैनाती बतौर एसपी सिरमौर जिले में हुई थी। फिर उन्हें शिमला में तैनात किया गया। वह शिमला की पहली महिला एसपी बनी। उन्होंने शिमला में पुलिस और स्टेट सीआईडी में भी सेवाएं दी हैं। सिरमौर में एक प्रोटेस्ट के दौरान सौम्या ने अभद्रता करने पर एक विधायक को थप्पड़ जड़कर जेल भेज दिया था। उसके बाद वह काफी चर्चा में आ गई थीं। सिरमौर जिला बेहद संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि यहां की सीमाएं दो अलग-अलग राज्यों से लगती हैं। ड्रग्स, शराब और कथित मानव तस्करी के अक्सर बड़े मामले यहां सामने आते हैं। यहां अपराधी सौम्या से खौफ खाने लगे थे। सौम्या ने यहां ऐसी कई सफलताएं हासिल कीं, जिसमें न केवल सिरमौर पुलिस ने बल्कि हिमाचल पुलिस ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं।
6 मर्डर मिस्ट्री भी की हैं सॉल्व
एसपी रहते हुए उन्होंने करीब 6 मर्डर मिस्ट्रीज सॉल्व की थीं, इनमें से 2 ब्लाइंड मर्डर थे। उन्होंने एक ऐसे अपराधी को पकड़ा था, जिसने तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया था। अपने सौम्य व्यवहार के लिए भी सौम्या चर्चित हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.