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कोरोना के संभावित इलाज की खोज के लिए भारतीय-अमेरिकी किशोरी अनिका ने जीता 25,000 डॉलर का पुरस्कार

Published - Mon 19, Oct 2020

भारतीय मूल की अमेरिकी किशोरी अनिका चेबरोलू को 2020 3एम यंग साइंटिस्ट चैलेंज का पुरस्कार दिया गया है। इस पुरस्कार के तहत अनिका को 25 हाजर डॉलर की धनराशि दी गई है। अनिका ने एक ऐसे अणु की खोज की है जो भविष्य में कोरोना वायरस का इजाल हो सकता है।

Anika Chebrolu

धरती पर इस समय सबसे बड़ा सवाल है कोरोना वायरस की वैक्सीन कब बनेगी? इसी के उपचार और शोध के लिए भारतीय मूल की अमेरिकी किशोरी अनिका चेबरोलू को 2020 3एम यंग साइंटिस्ट चैलेंज का पुरस्कार दिया गया है। इस पुरस्कार के तहत अनिका को 25 हाजर डॉलर की धनराशि दी गई है। 14 साल की अनिका टेक्सास की रहनी वाली हैं। अनिका ने इस शोध के दौरान एक ऐसा अणु विकसति किया है जो कोरोना वायरस के एक निश्चित प्रोटीन को बांधने में मदद करता है साथ ही इसे काम करने से रोक सकता है। 
अनिका ने जिस अणु को विकसित किया है वह SARS-CoV-2 वायरस पर एक निश्चित प्रोटीन को बांध सकता है। प्रोटीन के बंध जाने से वह फंक्शन करना बंद कर देता है। अनका कि यह खोज भविष्य में कोरोना वायरस का इलाज हो सकती है। अनिका ने दवा की खोज के लिए सिलिका पद्धति का उपयोग किया है। जो कोरोना वायरस के इजाल को खोजने के प्रयास में SARS-CoV-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन को चुन सकता है।
पुरस्कार जीतने के बाद अनिका ने कहा, 'यह बेहद रोमांचक है। मैं अपनी तरफ से जितना कर सकती हूं उतनी मेहनत करने की कोशिश कर रही हूं। खबरों की माने तो अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अनिका की शोध का लाइव मॉडल परीक्षण किया गया है या नहीं। 

कैसे खोजा

साल के शुरुआत में अनिका फ्लू से लड़ने के तरीकों पर काम कर रही थीं। उनका ध्यान कोरोना की तरफ नहीं था। जब बीमारी बढ़ती गई तब उन्होंने इस ओर ध्यान दिया और अपनी योजना में परिवर्तन किया। इस अणु की खोज के लिए उन्होंने कई तरह के कंप्यूटर प्रोग्राम्स का इस्तेमाल किया। इससे पता लगाया कि अणु (मॉलिक्यूल) SARS-CoV-2 वायरस से कैसे और कहां से जुड़ सकता है। 

अनिका के दादा जी

अनिका के दादा जी केमिस्ट्री के प्रोफेसर थे, उन्होंने ही अनिका के मन में विज्ञान के प्रति रुचि जगाई। छोटे पर से ही वह अनिका को तत्वों आवर्त सारणी और विज्ञान के बारे बताते थे। साथ ही और अधिक जानने के लिए प्रेरित करते थे। 

भविष्य में क्या

अनिका आगे चलकर मेडिकल शोधकर्ता और प्रोफेसर बनना चाहती हैं। वह कहती हैं 'मुझे उम्मीद है कि कोरोना वारस जल्द ही खत्म हो जाएगा और हम सब अपने सामान्य जीवन की ओर जल्दी से जल्द वापिस लौटेंगे।